उपन्यास में गाँव , नगर एवं महानगर चित्रण | Hindi Upnashaya May Gaon, Nagar Evam Mahanagar Ka Chitran
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
99 MB
कुल पष्ठ :
461
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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है कि ग्रग्मीण कलायें ग्रामीण जन-जी वन के त्राथ जुड़ी हुई हैं जी उनके
प्रतिदिन के व्यावसायिक या कृषि कार्य के साथ-साथ चलती हैं और
जो उनके धार्मिक और तास्कृतिक क्रिया-कलापों से अखधिमाज्य हैं ।
2- इन 'क्िया-क्लायों में ग्राम समाज का কী वर्गं यक पूर
परिवार अथवा' पुरा! ग्राम समाज सहयोगी होता है अवैर सम्मिलित
होता है | ঘৃলস स्त्री, बच्चे तभी इनमें भाग लेते हैं । पूरा ग्राम
तमाज ही भाग लेने वाला और ब्ह ही प्रेक्ष भी होता ই 116
उ- पुटा गाम समाज एकं बहे परिवारं कौ तरह रहता है
और जीवन ते जुड़े रहने के कारण कला मिव्याक्त में पारिबाहिकता
स्पष्ट परिनाध्षि होती रहती है 17
५- गाँव की कला में तकनीकीयन जैसी कोड बात नहीं है ।
बह सरल और तादी है । कला' के लिए उपयोग में आने बाली बसतुयें
भी गाँव बालों के दिन - प्रतिदिन के उपयोग में आने वाली वस्तु
ही हैं और वे गाँव के कारीगरों व्यारा बनाई हुई हैं । জনা प्रदर्शन
के लिए हान या प्रेक्षाउह की कोई आकायकता नही होती | व्हतोी
घर के आंगन या गाँव के छुले मैदान में प्रदर्कि की जाती है ।
5- पूँकि कला माँव के जन-जी वन ते अलम नहीं हि अतः कधि
सम्बन्धौ तत्वों को, उनके गीत, संगीत, कथाओं, मुहावरों, पहेलियों
और ताहित्य के ताथ-लाथ त्पीहारों और नाठकों মী হাল লাউ
देखा जा सकता है । 18
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