उपन्यास में गाँव , नगर एवं महानगर चित्रण | Hindi Upnashaya May Gaon, Nagar Evam Mahanagar Ka Chitran

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Hindi Upnashaya May Gaon, Nagar Evam Mahanagar Ka Chitran  by किरण श्रीवास्तव - Kiran Shreevastav

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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न ? 1 { क है कि ग्रग्मीण कलायें ग्रामीण जन-जी वन के त्राथ जुड़ी हुई हैं जी उनके प्रतिदिन के व्यावसायिक या कृषि कार्य के साथ-साथ चलती हैं और जो उनके धार्मिक और तास्कृतिक क्रिया-कलापों से अखधिमाज्य हैं । 2- इन 'क्िया-क्लायों में ग्राम समाज का কী वर्गं यक पूर परिवार अथवा' पुरा! ग्राम समाज सहयोगी होता है अवैर सम्मिलित होता है | ঘৃলস स्त्री, बच्चे तभी इनमें भाग लेते हैं । पूरा ग्राम तमाज ही भाग लेने वाला और ब्ह ही प्रेक्ष भी होता ই 116 उ- पुटा गाम समाज एकं बहे परिवारं कौ तरह रहता है और जीवन ते जुड़े रहने के कारण कला मिव्याक्त में पारिबाहिकता स्पष्ट परिनाध्षि होती रहती है 17 ५- गाँव की कला में तकनीकीयन जैसी कोड बात नहीं है । बह सरल और तादी है । कला' के लिए उपयोग में आने बाली बसतुयें भी गाँव बालों के दिन - प्रतिदिन के उपयोग में आने वाली वस्तु ही हैं और वे गाँव के कारीगरों व्यारा बनाई हुई हैं । জনা प्रदर्शन के लिए हान या प्रेक्षाउह की कोई आकायकता नही होती | व्हतोी घर के आंगन या गाँव के छुले मैदान में प्रदर्कि की जाती है । 5- पूँकि कला माँव के जन-जी वन ते अलम नहीं हि अतः कधि सम्बन्धौ तत्वों को, उनके गीत, संगीत, कथाओं, मुहावरों, पहेलियों और ताहित्य के ताथ-लाथ त्पीहारों और नाठकों মী হাল লাউ देखा जा सकता है । 18 कफ तदाकपुन' पंदााकनामाहक পারার হীন म 1६16-17 हैं- ইলা, হও়ো0 £ জলে तो शिययेन एज | মুত 7৪8 | 1181- व्ही, . है पु८ठ 79 है चकै




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