रमल नौरत्न | Ramal Nauratna

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Ramal Nauratna by मुंशी नवल किशोर जी - Munshi Naval Kishor Ji

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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1৮1. হত : श त इशररखतिशोसदिन ओर खरृसषति्ान। साहसीकारडसिषिरसरम्‌ उचररेसर्ान १४०१ 0 शुक्षक्षबारवीबबतुमसनिये। + उत्तेदल खारज॑ तामशोगिलिशेश नए शक्तलक्विषुरुव हि जानो। | अग्रपक्ति कह कतिगानो। मो सबही मंगल दिन जानी ए मैभगशिर्तव शशिमानो। रिशा पूरवकरि चितप्लतिसलकीससर'नो। सोम इसे छश्चिकल सानो।मंगलवाउत्श्टिश्िलहिय्े। प्ाहर स्ाए व सोवलकरहिये ॥करे कुछ ओरकरे विषरीता ক্স येजो शेय विनीता॥ * चतुर्दश उतचेतुर रारिवसं जानी । शिवंस्वभावस््रीफलसानो ॥सुन्यषरतिई




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