भारतीय शासन | Bharatiy Shasan
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
12 MB
कुल पष्ठ :
388
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)संयुक्त मारत का आदर्श ७
काम करती है, भीतरी मामलों में स्वतंत्र है। प्रधान शासक महाराजा
कहलाता है। हाल में भारत-मृग्न संधि हुई है। इसके अनुसार भूगन
को पूरी आंतरिक आजादी होगी। लेकिन जहां तक विदेश-नीति का
ताल्लुक है, दक्षिणी चीन पर कम्यूनिस्टों का अधिकार हो जाने से भारत
सरकार भूठान की सीमा पर होनेवाली कम्यूनिस्टों की कार्यवाही पर पूरी
निगरानी रखेगी | इसके अलावा वह यहाँ की आंतरिक शासन-व्यवस्था
भी ऐसी नहीं होने देगी, जिससे हिन्दुस्तान की आन्तरिक या बाह्न
सुरता को किसी किस्म का खतरा पहुचे ।
फ्रॉसीसी और पुतंगाली वस्तियाँ--सतरहवीं सदी मे यहाँ
व्यापार करने के लिए. कई योरपीय जातियों के आदमी आये थे । पीछे
समय पाकर इन्होने यहाँ अधिकार जमाने का यत्र किया। कुछ लड़ाइयों
की हार्जीत तथा सन्धियों के बाद अधिकांश भारतवर्ष में अंगरेजों का
अधिकार या प्रभाव हो गया | कुछ स्थान फ्रांसीसी और पुतंगाली
लोगों के पास रह गये | अब मारत से श्ेगरेजी सत्ता हट गयी, पर कुछ
भागों में अन्य योरपीय शक्तियों का प्रभुत्व है|
फ्रांस के अधीन चार नगर हैं $--
१--बनाम ( गोदावरी नदी के डेल्टे के किनारे पर ),
२--माही ( मालावार के किनारे पर ),
३--कारीकल ( कारोमंडल के किनारे पर ) और
४--पांडेचरी ( कारोमंडल के किनारे पर ) |
पॉडेचरी इन सब की राजधानी है। चद्धनगर सहित इन सब स्थानों
का क्षेत्रफल २० ३ वर्ग मील, ओर जन-संख्या पौने तीन लाख के लग-
भंग थी | इस नगर में गत वर्ष जनमत लिया गया; भारत के पक्ष में
७४७३ ओर फ्रांस के पक्ष में केवल ११४ मत प्राप्त हुए। अब यह
नगर भारतीय संघ के अन्तर्गत है। आशा है इसी प्रकार फ्रांस के अन्य
प्रदेश भी भारत मे मिल जायेंगे। यहाँ जनमत के बारे मे कु कहना
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