गाँधी बाबा | Gandhi Baba

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Book Image : गाँधी बाबा  - Gandhi Baba

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( ६ ) श्रवण को हरिण सममः कर उस्न प्रं तीरं चला दिया, बेचारा घायल होकर ददं से तडपने प्रार्‌ करादने लगा .. पर उस वक्त भी उसे अपने बूढ़े माता पिता का विचार सता रहा था 'मरने से पहले उसने दशरथ ही के हाथ उन्हें पानी भिजबाया ओर कहा, जब पानी पिला चुको तब मेरे मरने की ख़बर सुनाना, दशरथ ने ऐसा ही किया , जब वह पानी पी चुके, तब दशरथ ने श्रवण कुमार के मरने की झचना दी , वेचारे, वूढ़े ओर कमज़ोर तो थे ही, বলা रोए और इतना रंज किया कि वहीं ठन्डे हो गए . दशरथ ने श्रवण कुमार की चिता के साथ ही साथ उसके माँ बाप की चिताएँ भी तैयार कीं ओर तीनों को आग के सुपुर्द कर दिया .” চা हरि--- अम्मा फिर दशरथ जो का क्या हुआ ? * माँ---“वेटा ! दशरथ भी अपने वेटे के वियोग में मरे.” हरि-- अच्छा अम्मा, गांधी बाबा ने यह कहानी पढ़कर क्या किया है




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