शरीफ़जाद (आर्यपुत्र) | Sharif Jad (aryaputra)

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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शरीफजादः [ १७ हैं, नही तो शायद जल्दी करते। यह एक नए आदमी शहर के रहने वले व्हा जाके पफँसेये। मामूली बातें यह कि आप का मकान कहाँ है ? इस तरफ़ क्यो आए थे इनसे पूछना जरूर थी। सबसे ज्यादा माधों भइया को इनके हाल पर तवज्जुह थी क्योकि माधो भद्या अंगरेज़ी पढते थे और इनके तर्ज तकरीर से मालूम हो गया था कि यह भी अगरेज़ी जानते है । शायद अस्नाए कलाम में यह भी पूछा गया था कि आपने कहाँ तक अंगरेजी पढी है और आपकी जबान से बेसाख्ता निकल गया हो कि मैं इन्ट्रेंस पास हूँ । माघो भदया अभी मिडिल क्लास के दो दर्जे नीचे थे । फिर इनका फारसी खत भी बहुत ही साफ और माधो भइया आज भी बदखती के लिये क्लास मे दो नम्बर उतार दिये गये थे। इन वजूह से माधों भइया के दिल मे इनकी इज्जत का खयाल समा गया था।. इन्ट्रेस पास का नाम सुनके बल्देव मिस्त्री भी चौंक पडे थे इसलिए कि जब से माधो को स्कूल में पढने भेजा था, मिडिल और इन्ट्रेंस यह दोनो लफ्जे इतनी मरतबा सुनी थी कि अब उनका भूलना मुमकिन न था। बहुत दिन तक यह मिडिल सकल को आला दर्ज. समझा किये । लेकिन जब से रेल के दफ़्तर मे परशादी बाबू दस रुपया महीने पर नौकर हुये मिडिल पास की इज्जत उन्तकी निगाह मे कम हो गई। मगर कही सुन लिया था कि बडे बाबू जो लोको आफिस मे नौकर है, वह इन्ट्रेंस पास है। मास्टर जानकी परशाद जो माधो को घर पर अंगरेजी पढाते थे वह वकील हो गये । अब लीजिये वह भी क्या बुरे रहे । गनपत बढ़ई का लडका छोटेलाल ईटरेस पास करके रुडकी चला गया था। वह अब ओवरसियर है। गरज कि इन खयालात से इंट्रेंस की इज्जत इनके दिल मे बहुत कुछ थी । सारी उम्मीदें माधो के इंट्रेस पास करने पर मौकूफ थी । देस के दर्जे से ,उनको इस कद्र हुस्नेंजत* था कि मिर्ज़ा आबिदहुसैन की परेशानहाली उनके चश्मे से,नज़र ही न आ सकती थी। जब से उनको देखा था और यह सुना था कि यह इंट्रेंस पास है, दिल मे कहते थे--परमेशर वह दिन करे कि माधों भइया भी इंट्रें पास करलें। मगर अभी वह दिन दूर है। चार पाँच बरस बाकी है। अब कोई घर पर पढाने वाला भी नही । दिल मे ऐसे ही कुछ खयालात थे कि एक ही मरतवा पिर्जा आविदहुतैन से पूछा । बल्देव--आप का दौलतखाना कहाँ है ? आविदहुसैन--चौक के पास । ˆ ` बल्देव--ओहो । आप बहुत दूर रहते हैं । कि आविदहुसैन-- (इस सवाल के रुख से कुछ अपने मतलब की फ़ालर* लिया चाहते थे) क्यो? | '$ बातचीत के समय २ अच्छी चारणा ४ शकुन ।




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