उमराव जान 'अदा ' | UMRAO JAN ADA BGVS

UMRAO JAN ADA BGVS by अरविन्द गुप्ता - Arvind Guptaमिर्ज़ा हादी रुस्वा -MIRJA HADI RUSWA

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मिर्ज़ा हादी रुस्वा -MIRJA HADI RUSWA

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पीरबख्श : मैं क्या करूं, मैंने तो बहुत समझाया, मेरे साले ने न माना। दिलावर खां : सूरत तो इसकी भी अच्छी है, आगे आपकी पंसद। खानम : खैर, आदमी का बच्चा है। दिलावर खां :जो कुछ है आपके सामने हाजिर है। ञगह 1 | | है | गा । | शी ! | | | 1-7 के ] 1 || | ै | | श 2 ॥ |; | : | | #क 169 । | | 11 || | कक रा, | | ् 02] | 1 कि




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