प्रतिनिधि संकलन एकांकी | Prati Nidhi Sankalan Ekanki
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
100 MB
कुल पष्ठ :
296
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)नान्दी
आन्तरभारतीय साहित्यके विद्रान्-विवेचक ভাঁও प्रभाकर माचवें
प्रस्तुत एकाकी संकलनकी भूमिका-स्वरूप पहली तीन घण्टियाँ' बजा चुके
हैं । मुझे संकलनकर्ता-सुत्रधारके नाते मात्र नान्दी सुनाकर नेपथ्यमें कौट
जाना है ।
लगभग १९५१ में आकाशवाणीके नागपुर केन्द्रपर नाट्यलेखकके पद-
पर काम करते हुए मुझे एक तेलुगु नाटकका हिन्दी अनुवाद तैयार करनेका
काम सौपा गया। तेलुगु ओर हिन्दीके बीच मेरा अनुवाद-माध्यम अंगरेजी
था । कुछ समय बाद पुनः आद्य रंगाचार्यके कन्नड़ नाटक 'प्रपंच पानिपत्तु-
का हिन्दी रूपान्तर करनेका अवसर मिला । इस बार अनुवादका माध्यम
मराठी था। उन दिनों नागपुर रेडियोपर साहित्यिक कार्यक्रमोके सलाह-
कारके बतौर डं० प्रभाकर माचवे काम करते थे। भारतीय भाषाओंमें
रचनाओंके परस्पर आदान-प्रदानमें माचवेजीकी खास दिलचस्पी हैं।
उन्होंने एक दिन सुझाया कि इन तेलुगु और कन्नड़ एकांकियोंकी तरह
अन्य भारतौय भाषाओंके भी नाटक अनुवाद रूपमें जुटाकर उनका एक
.. संकलन तैयार किया जा सकता हैं। उनसे इस कार्यके लिए सक्रिय सह-
. योग भी मिला । अनेक भारतीय लेखकोंके पते तथा उनकी रचनाओंके
. अनुवादकोंका परिचय भी पत्र-पत्रिकाओंसे उपलब्ध हुआ । हे
मैंने लगभग १९५२ से कार्य आरम्भ कर दिया । भारतकी लगभग
` सभी संविधान-दवारा स्वीकृत, भाषाभकि एकांकी जुटानेका मेरा बिचार
था 1. बादमें कुछ अपनी असमथताके कारण, कुछ असहयोग ओर कुछ
` छोड़ी गयी भाषाओंकी नाटब-सीमा और एकांकियोंकी दुष्प्राप्पताके कारण `
00860000000 प्रतिनिधि रचनाएँ संकछन एकाकी
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