कबूरी | Koobri
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
92
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दुबरी हती जो क्वौ कूरो उपेक्षिता सी,
ताहि कवि समवे श्रनरुप करिदीनौ है
च कं चरित्र की पवित्रता विचित्र मित्र !
चित्र खींच गौरव गुमान অহি दीनो है ॥
छन्द लँ विभिन्न खंड कान्यहु श्रवत कं,
नव सर्ग माँहि नव रस जरि दीनौहै॥
शक-एक पद को उठाइ रस घोरि-धोरि,
क्राव्य की सुधा में बोरि-बोरि धरि दीनो है ।|
प्रियतम दत्त चतुर्वेदी ““चच्चनः
घन्य गोपा, अमला भी धन्य हसौ कार!
कवि-कलम से कीति उतकी भ्रमर श्रपरपार ॥
पर कुरूपा कबरी की कथा करुणापुं।
कवि-कलम से कल तलक भी जो न थी संपूर्ण ॥।
आज अपने रूप में कर भाव का স্ুক্রাহ।
. बहु मुखर ब्रजभारती में हुई पहिली बार +
--जीवन प्रकाश जोशी
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