क्या, क्यों और कैसे | Kya, Kyon Aur Kaise
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
21.83 MB
कुल पष्ठ :
90
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about डॉ. द्वारिकानाथ खोसला - Dr. Dvarikanath Khosala
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पाए जाते हैं वे सब पृथ्वी में भी विद्यमान हैं । सितारे मौलिक रूप से अत्यन्त गरम गैस, विशेषकर
हाइड्रोजन तथा हीलियम, के गोले होते हैं।
किसी भी सितारे का वर्णक्रम अन्य सितारों के वर्णक्रम के समान हो सकता है तथा उनको
भिन्न वर्णक्रम के समूहों में भी विभाजित किया जा सकता है। प्रत्येक एक समान वर्णक्रम समूह
का रंग भी एक समान होता है। ये रंग नीले से लेकर लाल तक होते हैं। सूर्य एक पीले रंग का
सितारा है जो इस क्रम में मध्य रंग है । वर्णक्रम के रंगों के मूल्यांकन से सितारे का तापमान भी
जाना जा सकता है। जबकि नीलैंनसितारे विशाल, गरम तंथा चमकदार होते हैं और उनका तापमान
2,500 सें. ग्रे. या उससे भी अधिक होता है, लाल रंग के सितारे प्रायः ठण्डे होते हैं और उनका
. पृष्ठीय तापमान 1,600 सें. ग्रे. या इससे कम ही होता है।
...... सितारों की अत्यन्त लम्बी दूरी मापने हेतु रेडियो-दूरबीन का प्रयोग भी किया जाता है
जिससे सितारों और नक्षत्रों से निकलती रेडियो लहरों की शक्ति का ब्यौरा रखा जाता है। इस
प्रकार की विधियों व उपकरणों के प्रयोग से सितारों के बारे में बहुत कुछ जाना जा सकता है।.
सितारों की दूरी का अनुमान लगाने के लिए निश्चित सितारे को दो दूरस्थ भिन्न-भिन्न स्थानों से
देखा जाता है, प्रायः पृथ्वी के दो किनारों से या फिर एक ही स्थान से छः मास के अन्तराल पर।
ऐसा-करने से सितारे की स्थिति में अन्तर दिखाई देता है। इस प्रत्यक्ष स्थिति परिवर्तन को पैरेलेक्स
की संज्ञा दी जाती है। इस पैरेलेक्स के परिमाप द्वारा सितारे की दूरी को मापा जाता है। यह
परिमाप दूरबीन की सहायता से लिया जाता है।
आखिर सितारे हैं क्या ? वस्तुतः प्रत्येक प्रज्वलित तारा सूर्य के समान सुलगती हुई आग
जैसा विशालकाय गोला है । सितारे इतने गरम होते हैं कि वे धातुओं तक को गला देने की शक्ति
रखते हैं । उनमें द्रव्य अणु व परमाणु परस्पर दूर-दूर होते हैं तथा पृथ्वी पर उपलब्ध सभी प्रकार
के रासायनिक 'तत्त्व जैसे हाइड्रोजन, हीलियम, लोहा,. चूना, मैगनेशियम आदि इनमें भी विद्यमान
होते हैं। कुछ सितारे ठंडे होते हैं जिनमें तरल पदार्थ विद्यमान हो सकते हैं। कुछ प्राचीनतम ठंडे
. सितारों में तो तरल पदार्थ इतना सघन होता है कि उनका इंच भर भाग भी टनों का भार रखता
है। ऐसे सितारों को “जड़' या काले गहरे सितारे कहते हैं । सितारों के भिन्न-भिन्न रंग जैसे सफेद
नीले, पीले, लाल आदि भी संकेत देते हैं कि अमुक तारा किन रासायनिक तत्त्वों से संगठित हैं
तथा इसका तापमान व प्रकाश कैसा है। .
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