द्वतीय संस्करण | Dwitiya Sanskarans

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Dwitiya Sanskarans by शंकरदत्त शर्मा - Shankardatt Sharma

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about शंकरदत्त शर्मा - Shankardatt Sharma

Add Infomation AboutShankardatt Sharma

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
परथमाऽध्याय १ त्रा १५ पह फल कहलाता है खुख तथा डुःख कर्म फा विपाक श्र्याद्‌ [ घुसा शुभ ] परिणामहै और यह [ अर्थात्‌ सुख और छुःख ] शरीर, इन्द्रिय, इन्द्रिय के विषय और मन की सत्ता में होते हैं । श्रव शरीरादि के द्य हौ फल मिलता है । यह जो हमें सुख डुग्ज तथा मनापयानादि सहन करने पड़ते &ै वह सब फल रूप ह-अब “यह फल हमें प्राप्त करना चाहिए और इसे त्यागना चाहिए” इस के लिये फल के पैदा रोने से परे विचार करना चाहिए ॥ ( पूक्ष ) डुःख किसे कहते है १ उत्तर-बाधाना लक्षण हुःखस ॥ २९ ॥ अर्थ-स्वतंन्मता का न होना और विकस्य फा दोना दुःख कहलाता है श्रर्थात्‌ मन को जिस वस्दु की इच्छा हो उसके न मिलने का नाम दुःख है ॥ ( पूश्न ) स्व॒तन्त्रदा से और दुःख से क्या सम्बन्ध है ) १ ( उत्तर ) जव मडुप्यको भूख लगे और खाना उपस्थित दो तो बह चधा ुःख नही कदल्यती ( पृत्युत खाने [ भोजन ] की सत्ता में क्षुघ्रा का न्‍्यून होना डुःखका कारण होता है परंतु जव उद मोजन विद्यमान न हो तव भूख अत्यन्त दुःख दायिका पूतीत होती है छ्ितीय जैसे भजदूर [ कमैकार ] लोग अपने घर में रहते ह डन्‍्हें कुछ कष्ट पुतीत नहीं होता परन्तु यदि उसको उस घरसे वाहर जाने का निषेध करदिया जाय तो बह घर उसको कष्ट दा घर होज्ञायगा । ( पृश्च ) यदि स्वतन्नता का नदहोना ही दुःख है ते जीव कदापि भुक्त नदीं दयो सकता च्त्यौकि परमात्मा के नियमों में चंधा हुआ है। ( उत्तर ) परमात्मा जीव के भीतर बाहर विद्यमान हे अतः उस से ख पुती के लिये जीवको किसी साधन ( सामझी ] की आवश्यकता नहीं अत्तः वह नियमित नहीं परंतु पूतिक सुख की पूरी के लिये मन इन्दि ओर भोग्य सामझी की आवश्यकता है। उन में से एक की भी न्यूसता से अत्यन्त दुःख पूतीत होता है । ( पूश्ष ) मुक्ति क्या यस्त ? ০১০০১ - अर्थ-उस [ दुःख ] के पच्जा [ चुज़ल ] से सर्वथा छूट जाने का माम अपवन अर्थात्‌ भक्ति है। ( पूक्ष ) क्या दुःख क अत्यन्ता भाव का जांस सुक्ति हे ? ( उत्तर ) यदि दुःख के अत्यन्ता भाचको मुक्ति माना जाय तो चह सुक्ति चैतन्न जीवात्मा फी नहीं हो सकती




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now