सन्त शब्द | Sant Shabd
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
120
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सन्त-शब्द ७
समय बहुत ही अमृत्य है, अतः एक क्षण भी व्यर्थ नहीं
खोना चाहिए। राजि में सोने के समय आत्मचिन्तवव और
भगयान् के नाम का, जाप, ध्यान करते करते ही सोना चाहिए ।
ध क श |:
स्मरण रखिये, उत्तम सै उत्तम भोजन दु पित मन स्थिति से
विकार और विपमय हो सकता है, क्रोध, चिन्ता, चिडचिडापन
आदि की मन'स्थितियों में किया हुआ भोजन विपेला हो जाता है
४ ध षे নট
मतुष्य स्वय ही अपना स्पामी हे, दूसरा कौन उसका स्वामी
या सहायक हो सकता हे ? अपने को जिसमे मली भाँति दमन
का लिया, चह ही एक दुर्लभ सत्र मिल प्राप्त कर लेता ३ ।
तै क ४ श
दूसरे का दोष देखना आसान है, किन्तु अपना दोप देखना
कठिन है, लोग दूसरे के दोषो को भूसे के समान फटकते हें,किन्तु
अपने दोपो को इस तरह छिताते दें जेम्ते चतुर झुआरी ভ্যান
वाले पासे को छिपा लेता है ।
४ হট श्र क
इस सारे प्रच का মৃত ऋकार दे, इसफ़ी जड मूल से
गार कर देनी चाहिए, रहकर के समूल नाश से दी अन्तःकरण
में रमने वाली तृष्णाओं का अन्त हो सकता है ।
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