भारतवर्ष का इतिहास भाग 2 | Bhaaratavarshh Kaa Itihaas Bhag-2

Bhaaratavarshh Kaa Itihaas Bhag-2 by ई० मार्सडेन- E. Marsdenलाला सीताराम - Lala Sitaram

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इस्मत चुगताई - Ismat Chugtai

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लाला सीताराम - Lala Sitaram

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ছু भारतवष का इतिहास परन्तु ज्यों हों वह नगर में एक फाटक से घुसा चंदा साहेब को सेना दूसरे फाटक से भाग गई । ११- चदा साहेव ने जव सुना कि राजधानी हाथ से ज्ञाती रही तो उसने जेसा कि क्लाइव ने सोचा था दस हज़ार हिन्दुस्थानी {1 টির নিউ টা লি ১1১১৬ এ শি १५५ ৬ ১91৯ সস १६५ १, । 71डिचथे => (५; ५ ५५५८ রঃ |) গং प्रत्‌ + ০১১০) )) <~ त्‌ शे जिं म जके ২ भ ২৯১1২10111২ ९९५५ ৯ षैः রা ধিন্ত महा सागर ~ 7४-७९ १ “का”... २७ रमकलाकाइन----नमछा० ओर कुछ फ़रासोसो सेना अपने पुत्र रज़ा साहेब के) साथ अरकाट भेज दी। पचास दिन तक उस सेना ने दव .ओर उसके सिपाहियों को घेर रक्खा और गढ़ के लेने 'का बड़ा उद्योग किया परन्तु उसको कोई चेष्टा सुफल न हुई ।




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