अभिमन्यु - बध | Abhimanyu - Badh

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Abhimanyu - Badh by रामचन्द्र शुक्ल - Ramchandar Shukla

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about रामचन्द्र शुक्ल - Ramchandar Shukla

Add Infomation AboutRamchandar Shukla

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
अभिमन्यु-बध [ ६ | दीज जाय उत्तर हमारों दुरजोधन कौ, पथ परिसोधन को हमको दिखेहै को ? “নহে? অহা) আট লাল धमेराज घीर , बीर बिजयी जो , तिन्हें हारिबो सिखैहै को ?? चक्रधर जोगीस्वर चक्र-भेद-दच्छु जाक , पच्डु मादि ताकौ क कुचक्र विलसैहै का ? जौलों ज-बिजै के इस कीन्हें छत्र-छाया सीस , तोला जय-पत्र कहो हम सो लिखेहे को ?? | ७ एहो दूत ! पाणडु-पूत वीर बिग्रही हे पंच , रच हो में बिग्नही प्रपेच-सत हरि है । जौलौ धर्म-धूम तोलों मसक करे गे कहा ? नर-हरि-ओर कहा ससक निहरि हैं ৭? सक्र-मदहारी चक्रधारी जी हमारी ओर , हं कं रखवारे चक्रधारे नित्त हरि है । ऐसी तो ुचक्र रच्यौ एकं चक्रव्यूह कदा , कोटि चक्रब्यूह सो न पांडु-पूत हरि है ॥




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now