रूसी युवकों के बीच | Roosi Yuvakon Ke Beech
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
212
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन - Dr. Sarvpalli Radhakrishnan
No Information available about डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन - Dr. Sarvpalli Radhakrishnan
रामकृष्ण बजाज - Ramkrishn Bajaj
No Information available about रामकृष्ण बजाज - Ramkrishn Bajaj
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सोवियत सथ का जन-जीवन
पठते श्र परीक्षा में बैठते है। विश्वविद्यालय की इमारत वहत् भव्य -
और प्रभावशाली है | इसमे हजारों कमरे और १५० लेक्चर हाल
हैं । सुन्दर बगीचे, उपवन और खेल के मैदान भी है ।
: भास्को में जमीन के श्रन्दर चलनेवाली रेल-गाडिया, जिन्हे मैट
कहते है, सोवियत सघ की एक आ्राघुनिक वैज्ञानिक उपलब्धि है।
यूरोप और एशिया के देशो मे बनी हुई ऐसी रेलो की शअपेक्षा यह
अधिक उत्तम और सुन्दर है। श्रमरीका में जो ऐसी रेलें है, उनको
अ्रभी तक मैंने नही देखा है। फिर भी उनके बारे भे मैने जो कुछ सुना
है, उससे मै कह् सकता हु कि मास्को की रेल-व्यवस्था उससे भी बढ़-
करहि 1१
इसकी लम्बाई केवल ७० किलोमीटर (४३.४५ मील) है, जिसपर
४७ स्टेशन है । इनकी बनावट बहूत् सुन्दर है । लगभग सारे स्टेशनो
पर ऊपर लाने-लेजानेचाली बहुत भ्रच्छी चलती हुई सीटिया लगी है ।
हर स्टेशन सगमरमर का बना है और उनकी रचना अलग प्रकार
की है । इनकी छतो मे सुन्दर रग-बिरगी बत्तियो के कूमर लटक रहे है ।
दीवारो पर सुन्दर कलापूर्ण चित्र बने हुए है । दीवारें मोज़ेक की और
फर्श भी सगमरमर का चिकना तथा चमकदार है। सारी रचना इतनी
सुन्दर और कलापूर्ण है कि किसी भी देश को उसपर गर्व हो सकता है ।
मास्को मे एक स्थायी श्रौद्योगिक तथा कृषि-प्रदशिनी है । मुख्य
मण्डप वहत बडा है। उसके अलावा रूस के प्रत्येक गणराज्य के
लिए अलग-अलग मण्डप बने हुए है। भिन्न-भिन्न योजनाओ के शअ्रतर्गत
प्रत्येक राज्य मे कितना काम हुआ है, इसके चित्र श्राफ दारा बत्ताये
गए है। इन ग्राफो को समय-समय पर बदल भी दिया जाता है, जिससे
देखनेवालो को ताजा-से-ताजा जानकारी मिलती रहे, इनमे बताये गए
झाकडे बडे प्रभावोत्पादक प्रतीत होते है ।
$ इसके बाद में अ्रमरीका गया था और अब कह सकूता हू कि सोवियत रूस की
इन रेलों के बारे में मेरा अनुमान सही है ।
User Reviews
No Reviews | Add Yours...