बाणभट्ट का साहित्यिक अनुशीलन | A Literary Study Of Bana Bhatta
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
63 MB
कुल पष्ठ :
607
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)र १
के बाव सिंहनाद ने हे को प्रेरित किया है ।
बहि साक्ष्य तथा अन्त साक्ष्य के जाधघार पर भी बाण' का यही श्रमय
निश्चित होता है। पहले बहिसादय के आधार पर निक्ष्पणा किया जा रहा है |
राजबूडामाणि दीजित अपने फक्मिणीकल्याण महाकाज्य में बाण
की प्रशंसा करते हे । राज्युडमणि का समय १६ वी शताब्दी ई० का प्रारम्म
हे ।
र ४
वामनभट्टबाण ने वेममृपाल्चरित में बाणा की प्रश्सा की हैं । इनका
समय १५ वी शताब्दी ई० है |
६
सगादेवी मधुराविजय में बाण की भारती की प्रशंधा करती हैं ।
गगादेवी का समय ९४ वी शताब्दी ई० का उचरार्द्ध हैं ।
খরচ साला आफ माफ मल बम এরা आज: भाव গা जगह: जा हद चमक जहा भा; आयह आय রাজা রাম আরা, বারা বাছা সাহা খারা আর রাডার साल গার जा গার, রা आधा आया हक खाक आयाकः कक 1 111 1 1 1 1 1 1 1 1 ए ए |
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२- बाण: धुरीण: कविपुगवेष- एकाश्ताः मव्यफलोदयब्री: |
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र च्िणकल्याणः ९ ९
३- वहो, मुमिकि, पुण र८ 1
४- जाणादन्ये कवय; शणाः चहुं घएखगच्छ रण ।
इति जगति श्ढमयशो वामनबाणऽषमा्टि वत्छकृर;
॥ बैममृुपालब रत, उच्छुवास १, पृण २।
५-~ ॐ.) 8 0309 282 2 838৮০ 07 01888108 न
&- वाणपाणिपसापृष्टवीणनतिक्वाणहारिणनष् ।
भावयन्ति कथं वान्ये बाणभटूटस्य भारतीम् ।।
मधुराविजय ९।८
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