बाणभद्र का साहित्यिक अनुशीलन | A Literary Study Of Bana Bhatta

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A Literary Study Of Bana Bhatta by अमरनाथ पाण्डेय - Amarnath Pandeyलक्ष्मीकान्त दीक्षित - Lakshmikant Dixit

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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4८ चण्ड्डीशतक के टीका का न श ध चण्डीशतक की चार टीकाओं का उल्लेंश मिलता है ~ (६) धनेश्वर कृत, (२) नागा जिमटूट-कृत, (३) भास्क्राय-कृत तथा (४) लेखक का नाम अज्ञात | पं० बुगा प्रताद तथा काशीनाथ पूब ने 5 क्म के चतुर्थ गुच्छ में प्रश्ाशिति चण्डीश्तक কী তরি के लिए दो टीकाओं का उपयोग क्वि हे - (१) सोपेश्वगघुतु धनेश्वर -कूत क्था (२) ठेव का नाम अज्ञात । ४- मुकुटता हिलक চাচি বি জি নী এরা বার আচ পড় षे नहचब्पु की चण्डपाला -कृत व्याल्या से ज्ञात होता है कि बाण ने मुकुटता डितक नाटक की रचना की धी, । चण्डपाछठ ने जपनी व्याख्या में इसका रकं श्लोक भौ उद्धृत किया हे । + ४ भोज-कृत शुंगा रप्रकाश मेँ भौ इसका उद्धाण प्राप्त होता हे । इस नारक के सम्बन्ध में अमो तक अन्यत्र कोई তত লহ 'भिला' हे । ९ है. हऊई अपराध 8 21 87 $ 8388035 0৫018853682 9522৮ & 9828 1018, [04 কট, २० का व्यमाठा', चतुर्ध गुल्छक, चण्डीशतक, पु० १ (पाव-टिप्पणी) । ३० यदाह मुकुटता हितक़नाटके बाण: «» जाशा: চীশস্দিরতিপ্পনা इव गुहा : प्रध्वस्तस्िंहशा इव डोण्य: कृठमहाओुमा' इव ঘুষ : ঢাঁত্ঘাল৫ इव ¦ विप्राणय : दायकाहरिक्तसकलमेकों कयकृष्टो' वशी जाता : चातिण महार॒था' : कुछ पतेदेवस्य शृन्‍्या : सभा : ।। महावभ्पु, चण्हपाछ-कृत टीका, उ9 ६, पु७ হই । ४ बधा प ताकत भीम খরা : ছাজ্খা भातरा उस्थमस्ता वति रक्त स्वाधु दुश्छादमस्म । केशव न्कातिश्ला : + रेक; आत्वस्यो तमह : || বশ अभे)




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