केशवदास | Keshavdas
श्रेणी : जीवनी / Biography
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
19 MB
कुल पष्ठ :
476
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)সক
जीवनी, व्यक्तित्व और रचनाएँ ११
जाय, या रामचं्रिका ऊ छदौ फो तेकर उसका पुनर्निमाण `
किया जाय | त
केशव केवि के नाम से दो ग्रन्थ ओर भित्ते दै । তন সন্ধা
फे नाम हैं--बालिचरित्र नौर हरुमान-अन्म लीला । इनकी रचना
शिथिल है । हुमान-जन्प-बीला पर नोट देते हए सचरिपोट
१६०६, १६१०. १६११ के लेखक लिखते है-
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लाला भगवानदीन ने केशव के सम्बन्ध सें विस्तृत चर्चा की थी।
नदी की दीका लेकर अज केशव के अध्ययन-अध्यापत और
समालोचन का काम होता है । उनका कहना है कि चरला में
एक हनुमानजी का मन्दिर है। जनभ्रुति है कि इसे कबि के शवदास
-मे ही संस्थापित किया था | अतः संभव है. कि उपरोक्त रचना
कवि की ही हो, और उसमें विशेष काव्य-कोशल्न प्रस्फुट न हुआ -
हो। जो हो, इस ग्रन्थों के सम्बन्ध में अभी हस संदिग्ध ही हैँ ।
आवश्यकता इस बात की है कि केशव सम्बन्धी सारी सामग्री
सुसंपादित और प्रामाणिक रूप से हमारे सामने उपस्थित हो,
जिससे उसकी समीक्षा का काम तिश्चयात्मक शूप से किया जा
सक । अभी तक प्रस्तुत सामग्री की दशा किसी प्रकार आशाजलक
नहीं है।
रामचद्िका प्रसिद्ध महाकाञ्य ह लिखका सम्बन्ध महाराज
रामचंद्रे की कथा से है । इसकी रचना-तिथि सेषत् १६५८ है ।
इस प्रकार यद् रचना रामचरितमानस की रचना के २७ वर्ष
वाद् प्रकाश म आई कविप्रिया की सवना भी इसी वर्ष
(१६४) हुई । इसमे अलंकारो का चिशद् विवेचन है । केशव ते
वरन को मी अलंकारः माना है चौर जिन वशेन से राम-
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