साहित्य के नये सन्दर्भ | Sahitya Ke Naye Sandarbh

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Sahitya Ke Naye Sandarbh by उर्मिला जैन - Urmila Jainमहेन्द्र राजा जैन - Mahendra Raja Jain

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

उर्मिला जैन - Urmila Jain

No Information available about उर्मिला जैन - Urmila Jain

Add Infomation AboutUrmila Jain

महेन्द्र राजा जैन - Mahendra Raja Jain

No Information available about महेन्द्र राजा जैन - Mahendra Raja Jain

Add Infomation AboutMahendra Raja Jain

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
दो संदर्भ साहित्य : कुछ अपेक्षाएं विदेशों में दो दशक से भी अधिक समय तक विभिन्‍न भाषाओं के अनेक संदर्भ ग्रथों के सम्पर्क में आने के बाद अब जब हम स्थायी रूप से भारत लोठे हैं तो पिछले दो दशकों में हिन्दी में विविध विषयों पर प्रकाशित कई संदर्भ ग्रथ देखने का अवसर मिला है. हिन्दी के विकास की दिशा में यह एक बहुत ही अच्छी बात है. कृ विषय तो एेसे हँ जिन पर अब तक कई संदके ग्रंथ प्रकाशित हो चके हैं और अभी भी उन विषयों पर कई अन्य ग्रथ प्रकाशित होने की योजनाएं हैं. दूसरी ओर कुछ विषय ऐसे भी हैं जो अब तक पृर्णतः उपेक्षित्र से ही रहे हैं और लगता है कि अभी तक इनकी ओर किसी प्रकाशक का ध्यान नहीं गया है, जब कि किसी भी क्षेत्र में किये गये शोध का महत्व उस विषय में प्राप्य संदर्भ ग्र थों एवं उनके स्तर से पता चलता है संदभ ग्रथों के प्रकाशन के क्षेत्र में हिन्दी की दो सबसे पुरानी एवं प्रतिष्ठित संस्थाओं--हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग और नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी-के साथ-ही-साथ कुछ सरकारी-अद्धं - सरकारी एवं व्यावसायिक प्रकाशकों ने भी पहल की है. यह भी प्रसन्नता की बात है कि कुछ व्यावसायिक प्रकाशन संस्थाएं केवल संदर्भ ग्रथ ही प्रकाशित कर रही हैं. सरकारी-अद्धं-सरकारी संस्थाओं में साहित्य अकादमी, हिन्दी समिति--उत्तर प्रदेश एवं बिहार राष्ट भाषा परिषद के नाम उल्लेखनीय हैं. व्यावसायिक प्रकाशकों में राज- कमल, आत्माराम एण्ड संस, नेशनल पन्लिशिग हाउस, ज्ञानमंडल एनं स्मृति प्रकाशन के नाम उल्लेखनीय हैं हिन्दी जगत के लिए जहाँ यह्‌ एक शुभ संकेत है, वहाँ प्रकाशित ग्रथ को देखने से पता चलता है कि अधिकांश व्यावसायिक प्रकाशकों का ( एवं शायद उनके लेखकों का भी ) मुख्य उद्देश्य कीमती :संदर्भ ग्रथ फा० २




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now