संघ मोतीलाल मास्टर | Sangh Moti Lal Master
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
176
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(१)
संघी मोतीलालजी मास्टर का जन्म २५ अप्रैल १८७६ को वर्तमान
राजस्थान राज्य के जयपुर डिवीजन के ग्र तगत जयपुर जिले के चौमू
कस्बे में हुआ था । चौमू भूतपूर्व जयपुर रियासत का एक प्रतिष्ठित
। ताजीमी ठिकाना रहा है । मास्टर साहव के पितामह श्री लादरूरामजी
संघी ठिकाने के कामदार तथा चौमू के श्रत्यन्त प्रतिष्ठित और मान्य
व्यक्तियों में से थे । श्री लादूरामजी के तीन पुत्र थे-१ श्री विजयलालजी,
२ श्री पन्नालालजी, हे श्री जौहरीलालजी । श्री विजयलालजी के पुत्र
मास्टर मोतीलालजी थे । लादूरामजी के समय में घर की श्राथिक
स्थिति वहुत श्रच्छी थी, लेकिन वाद में स्थिति विगड़ती गई ।
मास्टर साहव ने छठी श्रेणी तक-अपर प्राइमरी तक की शिक्षा
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चौमू में ही प्राप्त की । चौमू में भागे शिक्षा की व्यवस्था न होने के
कारण वे जयपुर भागये भौर यहां के महाराजा कालेज में भर्ती हो गये ।
यहीं से १८६७ में उन्होंने प्रयाग विश्व विद्यालय की मैट्रिक परीक्षा
पास की । १८६६ में जब वे इन्टरमीजियट की कक्षा में-उस जमाने के
एफ० ए० में पढ़ रहे थे, तव उन्होंने पढ़ता छोड़ दिया ।
कालेज छोडने के वाद कई वर्ष तक वे दूयूडन करके अपनी आजीविका
चलाते रहे । २७ अक्टूबर १६०७ को वे जयपुर नगर के वर्नावयूलर
मिडिल स्कूलके प्रधानाध्यापक नियत हुए । उस समय उनका वेतन १५)
मासिक था । करीव एक वपं वाद उक्त स्कूल के उठ जाने पर वे महा-
राजा कालिजियट हाई स्कूल में उसी वेतन पर सहायक श्रव्यापक नियुक्त
हुए 1 २० जुलाई १६१७ करो उसी वेतन श्रौर उसी पद पर उनका
तबादला शिवपोल मिडिल स्कूल में कर दिया गया। उसी संस्था में
उन्हें. १ मई १६२० को ५) मासिक की वेतन-बुद्धि मिली । इसके वाद
ং
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