धरती काँँपती क्यों है | Dharti Kapti Kyo Hai
श्रेणी : साहित्य / Literature

लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3.54 MB
कुल पष्ठ :
85
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पृथ्वी की रचना / 19 नी एक परिक्रमा में चौबीस घंटे का समय लगता है । यह य कभी न अधिक था न न्यून था । परन्तु यदि यह शक्ति ग हो जाए तो इसका प्रभाव हमारे दिन के समय में अवश्य गा और वह कम हो जाएगा । आकर्षण शक्ति हमारी पृथ्वी पर सभी पिण्ड अन्य हों को एक विशेष प्रकार की आकर्षण शक्ति द्वारा अपनी र आकर्षित करते हैं । उपरोक्त तीम मुख्य शक्तियाँ हमारी पृथ्वी के उपग्रह चद्धमा पृथ्वी-परिक्रमा को संचालित करती हैं । यही कारण है कि स परिस्थिति में चरम पृथ्वी के निकट होता है उस समय द्र में अति ऊँची लहरें उठती हैं । घर्षण शक्ति यह शक्ति मिर्तर पृथ्वी के चालन को
User Reviews
No Reviews | Add Yours...