बुन्देलखण्ड के वैष्णव मंदिरों का सांस्कृतिक अध्ययन | Bundelkhand Ke Vashnav Mandiron Ka Sanskritk Adhyan

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Book Image : बुन्देलखण्ड के वैष्णव मंदिरों का  सांस्कृतिक अध्ययन - Bundelkhand Ke Vashnav Mandiron Ka Sanskritk Adhyan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(ब) बुन्देलखण्ड | की भौगौलिक स्थिति _ द विश्व सिरमौर भारतवर्ष विभिन्न सस्कृतियों का पुंज है । भारत की सांस्कृतिक ` पृष्ठभूमि के निर्माण में बुन्देलखण्ड का विशेष योगदान रहा है । भारत वर्ष का हृदय स्थल ` बुन्दलखण्ड जिसकी रत्नगर्भा वसुन्धरा मेँ रनों का भण्डार छिपा हुआ हे | आवश्यकता है उस ` ` उत्वनन कौ जौ बुन्देलखण्ड के वैभव को,.उसकी संस्कृति को. उसके सके शर्य को उदृधाटित कर .जन-जन के हृदय एवं मानस पटल पर इसकी महत्ता को अंकित कर सके। बुन्देलखण्ड फा इतिहास गौरवं से परिपूर्ण, हे । बुन्देलखण्ड के भौगौलिक पर्यवेक्षण से प्रतीत होता है कि इस प्रदेश में इतिहास बोध ही पर्याप्तं सामग्री है केवल ` इन्देलखण्ड ही नहीं समग्र भारतीय इतिहास का समाज, जाति, संस्कृति. ओर साहित्य क विकास में बड़ा महत्व है। भारतीय. इतिहास पर अनेक ग्रंथ लिखे गये जो अत्यंत समृद्ध ओर विशद्‌ होते हुये भी भारतीय इतिहास कं कछ काल की सामग्री को ही समेट पाये हँ । अतः इस काल की भौगौलिक सीमायों का परिचय अनुमान के आधार पर ही आश्रित है | प्राचीन भारत का इतिहास साहित्यिक ग्रंथों पुरातात्विक सामग्रियों पर ही आधारित है। भारतीय एवं ` अभारतीय साहित्य, भारतीय. सामग्री अर्थात्‌ साहित्य व इतिहास परक साहित्य तथा अभारतीय भै विदेशी लेखकों के यात्रा वृतात उल्लेखनीय हैं। भारतीय इतिहास लेखन में अभिलेखों, सिक्कों इमारतों, स्थापत्य मंदिरों आदि के साथ पुराण, रामायण, महाभारत॑ उपपुराण कोभी इतिहास का स्प्रेत माना गया है| क्‍ নি | 5 बुन्देलखण्ड की भौगौलिक सीमायों का निर्धारण करते समय भारतीय दृष्टि कोभी सामने रखना आवश्यक है | “बुन्देलखण्ड उत्तरी अक्षांशा 25 _24° अश तथा 26*-50° ` अश आर पूर्वी देशान्तर 77°-52 अंश অ ৪০০ अंश क मध्य स्थित हे ^) यदि भारत वर्ष के न मानचित्र को मानव शरीर के रूप मे देखा जाये तो बुन्देलखण्ड उस स चित्र के हृदय के स्थान । ৯, पर पड़ता है। इसीलिये बुन्देलखण्ड को भारतवर्ष का: हृदय स्थल कहा गया है। यह आर्यावर्त ... के दक्षिणी भाग में स्थित हे | “यह उत्तर र मे आगरा ओर र इटावा से लेकर 7২ তং আনা জং হৃতারা উ লীকং বহতা ঈ নালাঘাত में बालाघाट | ` 4 न्ैलखण्ड का रजन तथा पास्कृतिक इतिहास (69/- 1947 5) হোত নী 2 ७ +




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