चतुर्दश मनुष्यों का इतिहास | Chaturdsh Manushyo Ka Itihas
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1.67 MB
कुल पष्ठ :
62
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)प्रजापतियों का वंशानुक्रमिक कालक्रम... ११
दत्तोले: सुषुवे पत्नी सुजंघी च बहुन् सुतान् ।
पौलस्त्या इति विख्याता: स्मृता: स्वायम्भुवेजन्तरे । (ब्रह्मांड ० 1/2/10/29)
दत्तोलि को पुर्वंजन्म का अगस्त्य कहने का कारण था कि. यक्षराक्षसों के पितामह
पुलस्त्य, राजा तुणविन्दु (वेशाल) श्रौर श्रगस्त्य, रामायणकाल से पूर्व साथी थे,
जिन्होंने लवणाम्भसू समुद्र को पार करके सुदूरद्वीपो की यात्रायें की थी । इसका
इतिहासपुराणो में संकेत है ।
पुलहुबंध--प्रतीत होता है कि पुलस्त्य भौर क्रतु के वंशज भारतवर्ष में कम
रहे, बाह्मदेशों मे उपनिवेश बसाकर अधिक बसे । कुबेर भर रावण के उदाहरण
प्रत्यक्ष हैं, इसलिए श्रौर इनके पूर्थजज पौलस्त्यो (यक्षराक्ष सो) ने दक्षिणपुर्वीद्वीप
समूहों में आस्ट्र लियापयंस्त तथा उत्तर में हिमालयप्रदेश (कैलाशपवंत), (लंका-
तिब्बत) एवं भ्रफ्रीका में उपनिवेश बसाये । इन देशों की कृष्णव्णंप्रजा (हृब्सी,
पिंग्मी श्रादि) पुलस्त्य एलं पुलह के वंशज हैं । इसी कारण प्राचीनभारतीय इतिहास
में पुलह और वध्यमाण प्रजापति क्रतु के वंशजो का नामशेष भी नहीं मिलता । भ्राज
भारतीयब्राह्मणों में पुलस्त्य, पुलह और क्रतुगोत्र के ब्राह्मण कहीं भी नहीं मिलते,
इसका प्रमुख कारण हैं कि इन प्र जापतियों के वंशज बाह्मदेशों में उपनिविष्ट होकर
वहां की प्रजा बन गये ।
पुलह की पत्नी क्षमा से तीन पुत्र उत्पन्न हुए-कदंम, उर्वरीयानू और
सहिष्णु । आत्रं त्री श्रुति से कदंम के पुत्र शंखपद और पुती कम्या हुई ।
के पुत्र कदम श्रादिमप्रधानप्रजापतियों से एक
थे ।' इनकी पुत्री काम्या का विवाह स्वायम्भुवमनुपुत्र प्रिवब्रत से हुआ । बतंमान
पुराणपाठो में पर्याप्त अशुद्धियाँ है, कहीं कदंम को पुलस्त्य का पुत्र बताया है, कह्दीं
विरजा का । यह भी संभव है कि प्रजापति विरजा का पुत्र कदम अन्य व्यक्ति हो ।
भ्रादिम कदंम पोलह के ही पुत्र कपिल थे, भागवतपुराण में कर्दम की पत्नी
बताई गई है, जो स्वायम्भुवमनु की पृत्नी कही गई है, भागवतपु० का यह बन,
अप्रमाणिक शभ्रौर असत्य है । कदंम की पत्नी का नाम श्रुति था, जो श्रत्ति की पुत्री
थी, इनके पुत्र प्रजापति शंखपद हुये ।* सहिष्णु का पुत्र कनकपीठ श्रौर पुत्री पीवरी ।
कनकपीठ की पत्नी यशोधरा से कामदेव उत्पन्न हुआ ।
क्रतुसस्तति बालस्बिल्य--क्रतु की परनी सन्नति थी, जिनके पुन्न साठसहख
बालखिल्य कहे गये हैं, ये बस्तुतः इनके वंशज होंगे । इनकी यवीयसी पुत्तियाँ पुण्या और
सत्यवती पूर्णमास (मारीच) की पुत्रवधुयें थी, इनके पति का नाम संभवत सुधन्वा था ।
१. पृ्वकाले महाबाह्ो ये प्रजापतयो$भवन् ।
कदम: प्रथमस्तेषामु *॥। (रामा० ३/१३/६,७),
२. स बे श्रीमॉल्लोकपाल: प्रजापति: (ब्रह्माण्ड ० १/२/१०/३३)
User Reviews
No Reviews | Add Yours...