भारतीय ज्योति: शास्त्र में आचार्य वराहमिहिर का योगदान | Bhartiya Jyoti Shastri Mein Aacharya Varahamihir Ka Yogdan

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Bhartiya Jyoti Shastri Mein Aacharya Varahamihir Ka Yogdan by गिरजा शंकर - Girja Shankar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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€ १४ ) ज्योतिषशास्त्र परम गहन शास्त्र हे । इसके यार ডা सिद्धान्त बताए बाते हैं । क्या - बअतुलक्ष तु ज्यौतिगपुः । अतः ढस शास्क्रपी महासपुद्र को क्र मुनियाँ के अतिरिक्त मनुष्य सन से मी पार करने में तसमधे है । देवयोगवश, गृह स्थितियों के कारण ज्यवा गु मरन सर्वे स्वणनों की कृपा से मेने यह दाड़ प्रयास किया है । फिर मी मुदि कौ बट्तामान्पताव्च ने कमी रह गयी हो, उसे मनोअीबन कमा कगे । = ० हे णिरन क्‌ 4५ “रण 1-८५ ( गिरबाशकर ) दिनाक :




User Reviews

  • Priyvrat

    at 2022-11-16 13:15:19
    Rated : 10 out of 10 stars.
    जिज्ञासक छात्रों और अन्य जनों के लिए आवश्यक पुस्तक ।
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