हिंदी का भाषा वैज्ञानिक अध्ययन | Hindi Ka Bhasha Vegyanik Adhyan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
98
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अध्याय १
भाषा का वैज्ञानिक अध्ययन
भाषा और मानव-समाज का अत्यन्त घनिष्ठ सम्बन्ध है । मानव के
सभी सामाजिक मम्बन्ध भाषा की भित्ति पर ही आधारित हैं । यदि भाषा
मे होती तो एक मनुष्य का दुसरे मनृप्य के साथ दमा सम्बन्ध स्पापित्त न
हो पाठा जैसा भाषा के भ्राघार पर स्थापित है | ससार के सभी भनुष्य
पारस्परिक सम्बन्ध स्थापित करने के लिये क्रिमी वे किसी भाषा का
व्यवहार करते हैं। इसी के बल पर सम्यत्रा और संस्कृति का विकास होता
है। विश्व की सम्पूर्ण प्रगति इसी पर आबारित है ।
जिस भाषा का हमारे जीवन के साथ इतना घनिप्ठ सम्बन्ध है --हम
प्राय: उसकी ओर विशेष ध्यान नहीं देते । हमे ऐसा प्रतोत होता टै कि हम
प्पनी मातृभाषा झरने श्राप सीब जाते हैं ओर विदेशी मापा सीखने के
लिय्रे झ्म्ते बिशेष परिश्रम करना पढ़ता है| इसमे बोई सन््देह नहीं বি
मातृभाषा के व्याकरुप-शुद्ध रूप अयवा साहित्यिक रूप वो समभने के लिये
भी विशेष परिश्रम वी पश्रावश्यक्षता अनुभव की जातो है तथावि हम मनापा
का अध्ययन अस्यान्य विषय्रों को समभते के साथन रूप में बरते हैं । भाषा
को साध्य मान कर उसके वैज्ञानिक अध्ययन वी भोर हमारा विशेष
प्रात॒र्षण नही होवा । प्रश्रिकाध में भाषा एक माध्यम के रूप में स्दीकार
की जाती है और दमे इस स्तर से ओई विशेष ऊरर नहीं उठाया जाता ।
भाण अपने आप में भी एक स्वतस्त विषय है ॥ उस क्य वैज्ञानिक
प्रध्ययन भी उतना हो महन्द पूर्ण है जितना उसके माध्यम से अन्य
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