मैं ने कहा | Main Ne Kaha
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
30 MB
कुल पष्ठ :
143
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)মত बराबर तप नहीं /'
“हमारे शास्त्रों में लिखा हे कि जब तक जान जाने का खतरा न हो,
तब तक भूठ नहीं बोलना चाहिए । में कहता हूँ कि अगर नई दुनिया का
शास्त्र मुझे बनाने को कहा जाय तो उसका पहला वाक्य यही होगा कि सच
तमी बोलना चाहिए, जव कि जान जाती हे
भूठ बोले और पकड़े गये तो धिक्कार हे ऐसे दांत पिसने पर / अरे,
मूठ बोलने का मज़ा तो यह है, होशियारी तो इसमें हे कि आप भूठ बोलें
और सच दिखाई दे | में कहता हैँ कि आप भूठ बोलिए और फिर बोलिए,
लेकिन भाई मेरे, जरा, सफ़ाईं के साथ / इसीको दुनियादारी कहते हैं, इसी
में सफलता छिपी है /””
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