घुमक्कड़ शास्त्र | Dhumakkad’a Shaastr
श्रेणी : धार्मिक / Religious, पौराणिक / Mythological
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10 MB
कुल पष्ठ :
179
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about राहुल सांकृत्यायन - Rahul Sankrityayan
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)द घुमक्षड-शास्
आधुनिक काल मं घुमक्कद्। के काम की बात कहने की श्राव-
श्यकता ই, क्योंकि लोगों ने घुमक्कड़ों की कृतियों को चुराके उन्हें गन्ना
फाड़-फाइकर अ्रपने नाम से प्रकाशित किया, जिससे दुनिया जानने लगी
कि वस्तुतः तेली के कोल्ल्हू के बेल ही दुनिया में सब कुछ करते हैं।
आवुनिक विज्ञान में चालेस डारविन का स्थान बहुत ऊ'चा है। उसने
प्राणियों की उत्पत्ति ओर मानव-वंश के विकास पर ही अ्रद्वितीय खोज
नहीं की, बल्कि सारे ही विज्ञानों को उससे सहायता मिली । कद्दना
चाहिए, कि सभी विज्ञानों को डारविन के प्रकाश में दिशा बदलनी पड़ी ।
लेकिन क्या डारविन अपने महान् श्राविष्कारों को कर सकता था, यदि
उसने घुमक्कड़ी का बत नहीं लिया होता ?
में मानता हूं, पुस्तक भी कुछ-कुछ घुमक्कड़ी का रस प्रदान करती
ट, लेकिन जिस तरह फोटो देखकर श्राप हिमालय क देवदार के गहन
আনা रौर श्वेत दिम-मुङटित शिखरो के सौन्दयं, उनके रूप, उनके गंध का
द्मनुमव नहीं कर सक्ते, उसी तरह यात्र।-कथाओं से श्रापको उस बू'द
লহ नहीं हो सकती, जो कि एक घुमक्कड़ को प्राप्त होती द्वे ४
अधिक-से-अधिक याज्रा-पाठकों के लिए यही कहा जा सकता है, कि
दूसरे अ्रन्धों की श्रपेज्ञा उन्हें थोड़ा आलोक मिल जाता दे और साथ ही
ऐसी प्ररणा भी मिल सकती दे, जो स्थायी नहीं तो कुछ दिनों के लिए
उन्हें घुमक्कड़ बना सकती हैं। घुमक्कड क्यों दुनिया की सर्वश्रष्ठ
विभूति है? इसीलिए कि उसीने आ्राज की दुनिया को बनाया है।
यदि आदिम-पुरुष एक जगह नदी या तालाब के किनारे गम मुल्क में
पढ़े रहते, तो वह दुनिया को आगे नहीं ले जा सकते थे । आदमी की घुम-
क्कढ़ी ने बहुत बार खून की नदियाँ बहाई हैं, इसमें संदेद्द नहीं, और
घुमक्कड़ों से हम हर्मिज नहीं चाहँगे कि वह खून के रास्ते को पकड़े ,
किन्तु अगर घुमक्कड़ों के काफिले न श्राते-जाते, तो सुस्त मानव-जातियाँ
सो जाती, ओर पशु से ऊपर नहीं उठ पातीं। आदिम घुमक्कड़ों में से
झायों, शक्को, हों ने क्या-क्या किया, अपने खूनी पथों हारा मानवता
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