उर्दू और उसका साहित्य | Urdu Aur Uska Sahitya
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
20 MB
कुल पष्ठ :
127
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)भाषा का जन्म १७
इन्होंने गुजराती के, इस प्रकार गुजरात मे भी एक नवीन माधा जन्मी
उद़ से जिसका अधिक निकट का सम्बन्ध ই | তরু के भ्रष्ट कवि बवलीः
के सम्बन्ध में भी यह कहा जाता हैं कि वह गुजराती था और उसका जन्म
हमदाबाद में हुआ था |
... मुहम्मद तुग़लक़ की मृत्यु के कुछ वष पश्चात् ठग़लक़ों का प्रभाव कम
होने लगा और जिस प्रकार एक शासन के दुबंल हो जाने पर विद्रोही नये- .
नये राज्य बना लेते हैं ऐसा दक्षिण में भी हुआ । जफ़रखाँ तुग़लक़-राज्य
का एक उच्च पदाधिकारी था, जिसको दक्षिण मै नियुक्त किया गया था |
उसने विद्रोह करके दक्षिण में एक अलग राज्य स्थापित कर लिया, জী
“बहमनी? राज्य कहा जाने लगा । इस बहमनी शब्द के बारे में भी मतभेद
है | कोई तो कहता है कि यह “्राह्मण” शब्द का अपभ्रंश है ओर किसी
किसी का विचार है कि बहमन” जो फ़ारसी शब्द है उसीसे यह “बहमनीः
बना । जो कुछ भी हो, इस जफ़रखाँ ने अपना नाम अलाउद्दीन हसन गंगों
बहमनी रख लिया । यह भी हो सकता है कि उसने जान-बूमकर दयर्थक शब्द
बहमनी रखा हो, क्योकि बचपन से उसको गंगो नामी एक ब्राह्मण ने पाला-
पोसा था। राज्य स्थापित करने पर इसी गंगो को उसने अपना मन्त्री
बनाया | राजा श्रौर मन्त्री को एक दुसरे की भाषा के शब्दों का प्रयोग करना
ही पड़ता था। इन दोनों ने यह भी सोचा कि स्थानीय भाषाओं में अरबी-
फ़ारसी के शब्दों को जोड़कर एक नई भाषा बनाई जाय जिससे कि शासन
का काये चले | उनकी राज्य-भाषा में मराठी, तेलुगु, कन्नड़ और अरबी-
फ़ारसी के शब्द मिले-जुले ये। पहले इस मापा को “हिन्दुवी? कहते
थे, शनैः-शनेः उसका नाम “हिन्दी? हो गया और कुछ समय के बाद उसे
दक्षिणी मी कहा जने लगा! इसी प्रकार जैसे उत्तर मै एक नूतन भाषा
का जन्म हो रहा था बेसे ही दक्षिण मे मी एक नवीन भाषा बन रही थी,
परन्तु वह अभी साहित्यिक भाषा नहीं बनी थी । यहीं हमें इस प्रश्न का भी
: उत्तर मिल जाता है कि जब आय भाषाओं में लिङ्ग-मेदसे क्रियाओं का
रूपान्तर नहीं होता तो फिर खड़ी बोली हिन्दी और उदूं में क्यों होता है!
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