डबल बीबी | Dabal Bibi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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डबल बीबी । (২₹৩)' बात छोंडकर गिरजा बोली “साजी ! অং ন্বন্ডী ! बहुत बेरा भयी रसोई जुडारही है 1” रामप्रसादकी माने अपना गम्भीर मुँह और गम्भीर करके कहा “हमारे बासते किसीको रसोई जुड्वानेका क्या काम है १ हमको एक पेटका कोई नहीं दोगा तो भीख सोगके भरी म जिसके भलेको करतीहूँ जब वही नहीं समझे तो उनके साथ रहकर संसारी वननेसे का काम है ९? इतना कहतेही सासकी आँखोंमे पानी आया। गिरजासे अब रहा नही गया-। सासका पोव पकड़कर रोने छगी। यह देखकर बहुतोको द्या आयी । कदमीने कदा-“जा बहन ! पतोह 'सनाने आयीहै | अब तुम्हें नाराज नहीं होना चाहिये घर जाब1? ~< रामप्रसादकी मा-“ नहीं बहन ! अब हमे उस घर दुआरसे मतलब नहीं है?” हे गिरजाने अपने आँचलसे ऑसू पोछकर कह्दा-“झाजी । मैने वहुत विनती करके उनको दूसरा व्याह करनेपर कर राजी कियाहे । माजी कनिया ठीक करे एदी महीनामे च्याह्‌ करगे।ः सासने इतनी देर वाद पतोहके धुहकी ओर देखा गिरजाकी बात सुन कर ओर सव सि्ये{मी उसीकी ओर देखनेख्गी । अव रखाका উহ फूटा-“ देख वहन ! में कहतीथी कि नहीं कि तुम्हारी पत्ोहसी छछिमी किसीके नसीव नहीं। होती । हजार हुआ तो क्या आखिर छुलीनकी बेटी तो है । अच्छा बेटी तुमने राजी किया है तो कनियाक्की कमी नहीं है कहो तो भें आजही लाकर खड़ी करूँ |? अब सासका गंभीर सुँह कुछ प्रसन्न हुआ । राहुपरस्त पू्ण॑चः.ः मानो आससे छूटा । मिरजाने रेखासे कहा--“तो फूआजी जल्दी कनिया ठीक करसे ।? ब्‌




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