डबल बीबी | Dabal Bibi
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5 MB
कुल पष्ठ :
146
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)डबल बीबी । (২₹৩)'
बात छोंडकर गिरजा बोली “साजी ! অং ন্বন্ডী ! बहुत बेरा
भयी रसोई जुडारही है 1”
रामप्रसादकी माने अपना गम्भीर मुँह और गम्भीर करके
कहा “हमारे बासते किसीको रसोई जुड्वानेका क्या काम है १
हमको एक पेटका कोई नहीं दोगा तो भीख सोगके भरी म
जिसके भलेको करतीहूँ जब वही नहीं समझे तो उनके साथ
रहकर संसारी वननेसे का काम है ९?
इतना कहतेही सासकी आँखोंमे पानी आया। गिरजासे अब
रहा नही गया-। सासका पोव पकड़कर रोने छगी। यह देखकर
बहुतोको द्या आयी । कदमीने कदा-“जा बहन ! पतोह 'सनाने
आयीहै | अब तुम्हें नाराज नहीं होना चाहिये घर जाब1? ~<
रामप्रसादकी मा-“ नहीं बहन ! अब हमे उस घर दुआरसे
मतलब नहीं है?” हे
गिरजाने अपने आँचलसे ऑसू पोछकर कह्दा-“झाजी । मैने
वहुत विनती करके उनको दूसरा व्याह करनेपर कर राजी
कियाहे । माजी कनिया ठीक करे एदी महीनामे च्याह् करगे।ः
सासने इतनी देर वाद पतोहके धुहकी ओर देखा गिरजाकी
बात सुन कर ओर सव सि्ये{मी उसीकी ओर देखनेख्गी । अव
रखाका উহ फूटा-“ देख वहन ! में कहतीथी कि नहीं कि
तुम्हारी पत्ोहसी छछिमी किसीके नसीव नहीं। होती । हजार
हुआ तो क्या आखिर छुलीनकी बेटी तो है । अच्छा बेटी तुमने
राजी किया है तो कनियाक्की कमी नहीं है कहो तो भें आजही
लाकर खड़ी करूँ |?
अब सासका गंभीर सुँह कुछ प्रसन्न हुआ । राहुपरस्त पू्ण॑चः.ः
मानो आससे छूटा । मिरजाने रेखासे कहा--“तो फूआजी जल्दी
कनिया ठीक करसे ।?
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