ईश्वर - मीमांसा | Ishwar Mimansha

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Ishwar Mimansha by श्री क्षुल्लक निजानन्द जी - Sri Kshullak Nijanand Ji

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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विषय लिंग शरार विराट पुरुष हिरणय गर्भ धाता. विधाता, दा स्त्रियां है हिरण्य गमं नक्षपुर पुरुष सूक्तका विभिन्न श्र्थ मुण्डकोपनिषद्‌ पुरुष सूक्तकी अन्तः साकी सायण मत वास्तविक अर्थ बिराट उत्पत्ति निरुत्तमें सूक्तके अर्थ पुरुष शब्दकी व्याख्या विश्वकर्मा निरक्तमे बिन्धकमोका कत्‌ त्व ज्य ब्रह्म व स्केम देव केनोपनिषद्‌ श्रौर ब्रह्म विध्यएणु देव सूर्य और विष्णु इन्द्र और उपेन्द्र तारायण विष्वक्सेन उपेन्द्रके अन्य नाम अपेन्द्रके कार्य हु ছু হু २६३ २६३ २६४ नह 1.1 ट न्ट ०८५ [२.1 २६२ २६५ ०८६८६ ২০৫ ২০০ ३०४ ३०७ ३११५ २१४ ३१४ ३१८ ३२० 2२० ৭ २०५




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