मद्यकालीन भारतीय संस्कृति | Madhyakaalin Bhartiya Sanskriti
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
28 MB
कुल पष्ठ :
196
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about महामहोपाध्याय राय बहादुर पंडित गौरीशंकर हीराचन्द्र ओझा - Mahamahopadhyaya Rai Bahadur Pandit Gaurishankar Hirachand Ojha
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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द्वितीय श्यास्यान- साहित्य ५७-- ११८
संस्कृत साहित्य के विकास की प्रगति ५७; तत्कालीन साहित्य के कुछ
उत्कृष्ट काव्य ५८; सुभाषित-संग्रह ६१; गद्यकाव्य ६१; चंपू ६३; नाटक
६३; ध्वनि, अलंकार आदि साहित्य के अंग ६५; तत्कालीन काव्य-साहित्य
का सिहावलोकन ६६; व्याकरण ६६; कोष ६७; दर्शन ६८; न्यायदर्शन
९९; वैशेषिक दशेन ७१; सांख्य ७२; योग ७३; पूवेमीमांसा ७३;
उत्तरमीमांसा ७५; शंकराचायं ओर उनका अद्रेतवाद ७५; रामानुज ओर
उनका विशिष्टाद्रेत ७६; मध्वाचायं ओर उनका द्रेतवाद ७७; चारवाक
७८; बौद्ध-दर्शन ७८; जेन-दर्शन ७८; तत्कालीन दार्शनिक उन्नति का
सिहावलोकन ७९; यूरोपीय दर्शन पर भारतीय दर्शन का प्रभाव ७९;
ज्योतिष शास्त्र की पूवंकालीन उन्नति ८१;६०० ई०--१२०० ई० तक का
ज्योतिष साहित्य ८२; फलित ज्योतिष ८४; भारतीय गणित शास्त्र ८५;
अंक-क्रम का विकास ८६; अंकगणित ९२; बीजगणित ९२; रेखागणित
९३; त्रिकोणमिति ९४; आयुवेद का साहित्य ९५; शल्यविद्या का विकास
९६; सर्पविद्या ९८; पशु-चिकित्सा ९८; पशु-विज्ञान ९९; चिकित्सालय
१००; भारतीय आयुर्वंद का यूरोपीय चिकित्सा पर प्रभाव १००; काम--
शास्त्र १०२; संगीतसाहित्य १०३; नृत्य १०४; राजनीति १०४; क्रानूनी
साहित्य १०५; अथंशास्त्र॒ १०९६; प्राकृत साहित्य का विकास १०८;
मागधी १०८; शौरसेनी १०९; महाराष्टी १०९; पैशाची ११०;
आवंतिक ११०; अपभ्रंश ११०; प्राकृत व्याकरण १११; प्राकृत-
कोष ११२; तामिल ११३; कनड़ी ११३; तेलगू ११४; शिक्षा ११४;
नालंद विश्वविद्यालय ११५; तक्षशिला विश्वविद्यालय ११६; शिक्षा का
क्रम ११७।
तृतीय व्याख्यान--शासन, शिल्प और कला ११९--१५५
शासन-पद्धति ११९; राजा के कतंव्य १२०; ग्राम-संस्था १२०; दंड
१२२; स्त्रियों की राजनीतिक स्थिति १२३; शासन-प्रबंध १२३; आय-व्यय
१२५; सार्वजनिक कायं १२५; संनिक-प्रवंध १२६; राजनीतिक स्थिति.
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