सूर पदावली | Soor-padawli

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Soor-padawli by गिरिजादत्त शुक्ल - Girijadatta Shukla

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१ भाई आजु ते बधाई बाजनै नन्द्‌ महर के ¦ फूल फिरें गोपी ग्वाल ठहर-ठहर के॥ फूली घेनु फूल धाम पल्लीं गोपी अंग अंग , फूल फूले तरुवर आनंद लहर के) फूले बंदी-जन द्वारे फूज्नी फूल बन्द्नवारे फूल जहाँ जोइ सोई गोकुज्न सहर के || फिरै जादौ कुल अनैद समूल मूल अकुरित पुन्य फूले पिछले पहर के॥ उमगे जमुन-जल प्रफुलित कुंज कुंज , गरजत कारे भारे जूथ जज्नघर के॥ नृत्वत सदन फूले फूल्नी रत्ति अंगअंग , मन के मनोज फले हलधर हरि के॥ फले द्विज संत वैद मिदि गयो कंस-खेद , गावत बधाई सूर भीतर बहर के\।




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