प्रमुख देशों की शासन प्रणालियाँ | Pramukh Desho Ki Shasan Pranaliyan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11 MB
कुल पष्ठ :
550
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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आधुनिक फाल-- सन् १८७४ का शासन-पिधघान--सन् $झ०४ के
शासन-विधान का रूप--संविधान की प्रमुख विशेषताएँ--शक्ति
विभाजन -केर्द्रीय सरकार की शाक्तियाँ --संघ सरकार की श्राय--संघ
विधानमण्डल--द्विगुद्दी विधान मंदल -निचला सदन--सदस्यों
की योप्ता- सदेन का समापति--दूसरा सदन -सदस्यों की
प्रवि सदस्य का येतन--समभापवि--संघ विधान-मंडल को
यनिया- सम्मिलित र्वटके- विधान मंडल. के उन्तेख-पन--
सदस्यं फी योग्यता-- सेद ष्टाय॑पालिका--केडरल कौसिल फो वनातर-
বিনা शक्ति ছা अध्यक्त-फेडरल फौंसिल की कार्यवादी-- भरशासन
विभाग - फेडरल फौंसिल का कार्य संचालन-विधान मण्दल वो अजुत्तर
दायो--कौंमिल के प्रभाव के बारे में आइस का मत-फेडरल फौंसिल
को सफलता -चाॉपलर-संध न्यायपालिका, इसकी थनावट, हसका
अधिकार प्षेत, न्यायपालिका की कार्यप्रणात्री -- राजने तिक पत्त -- दखवं दी
की भावना का श्रमप्व पुराने पद--घवंमाने रजर्म तिरू पत्त --शासन-
विधान का संशोधन --दो प्रकार छा परिवर्वन-यांशिरु संशोधन--विघान
संशोधन के लिये लोकनिर्णय श्रनिवाय --केंदनों की सरकारें--कैंटनों में
अध्यक्ष जनवैत्र--केंटनों के विधानमयडल्व-- शासन विधान का सशोधन --
केन्टनों की कार्यपालिका--फैटनों को न््यायपालिया--केंटनों में स्थानीय
शाप्तन-केंटनों में शिक्षा-प्रत्यक्ष जनतन्ध (12176५६ 1)0010-
००) ~ स्विटूनरलेढ मत्यत्त जनवन्त्र ङा धर है --संघ में लोक निर्णय--
केटनों में लोक नि्एंय--लोक निर्णय की गुण-दोप परीक्षा-मतदावाशों
की श्रयोग्यता -लोक निर्णय से लाभ--संघ में अधिनियम उपक्म --
कैंटनों सें अधिनियम उपक्रम - जनवन्य के सम्बन्ध मे स्वि दटिकोय ~
आधधनियम उपकम के दोप--अ्रधिनियम उपकम के समर्थकों की
विचारधारइ-पादूय घुम्तकें--
१६. सोषियट रूस की सरकार । ४२७
शासन विधान का इतिद्नस--ड्यज़ा को चलाने चा प्रथम श्रयत्न--ज्ञार
की सत्ता में कोई परिवतन नहीं हुआ--सन् १६६७ की ऋति-अ्रमिकों
का शासन ~ स्थानोयं च प्रान्वोय सरकार - निर्वचन चौर प्रतिनिधित्व
का श्राधार--य्रास्थ और फैक्टरी स्पेवियट-डिस्ट्रिक्ट सोवियट-आदेशिक
सोष्ठियर (,७६1०००] 8०९1०४)-स्वाघोन उपएराज्य -रूख की केन्द्रीय
सरकार -- सोवियट न््यायमंडल---छोटे न््यायाद्यय-प्रादेशिक न््यायालयथ-
सर्वोच्च स्यायाबय--सघ का सर्वोच्च न््यायाद्यय सोगियट श्ासन-विधान
का घुनर्निमोय - एक नये शासन-विधान के विकास का प्रयत्न -खब्
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