भजनमाला | Bhajanmala
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
121
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)जिन्हीं पद पद्म पाण्डव दल में
जा कर काज सब सारे।
उन्दी चरणो को शिव-आनन्द
नित रहता है सवलाई ॥४॥ ये हरि `
| ५ |
चमे जा राम कला पनस # भजन #
हमें क्यों नाथ तुम भूले हो
सुधि लो श्याम बनवारी।
निभा लो बांह गहने की
तुम्हीं को लाज है सारी॥१॥ हमें **
भरोसा ओर का मुझको
नहीं बस यक्त तुम्हारा है।
पड़ा हूँ द्वार पर উই
मेरी भी आयेगी वारी ॥२] ह्मे द
तुम्हीं दाता हो सब जग के
तुम्दीं पालन करो जग का।
(७)
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