भजनमाला | Bhajanmala

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Bhajanmala by स्वामी शिवानन्द - Swami Shivanand

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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जिन्हीं पद पद्म पाण्डव दल में जा कर काज सब सारे। उन्दी चरणो को शिव-आनन्द नित रहता है सवलाई ॥४॥ ये हरि ` | ५ | चमे जा राम कला पनस # भजन # हमें क्यों नाथ तुम भूले हो सुधि लो श्याम बनवारी। निभा लो बांह गहने की तुम्हीं को लाज है सारी॥१॥ हमें ** भरोसा ओर का मुझको नहीं बस यक्त तुम्हारा है। पड़ा हूँ द्वार पर উই मेरी भी आयेगी वारी ॥२] ह्मे द तुम्हीं दाता हो सब जग के तुम्दीं पालन करो जग का। (७)




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