समग्र जैन चातुर्मास सूची | Samgra Jain Chaturmas Suchi

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Samgra Jain Chaturmas Suchi  by बाबूलाल जैन - Babulal Jain

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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आचाये श्री विजय यशोरत्न - सरोश्वरजी म. सा हर वा আপ পাতি শিপ शिन शकन १ লি ॥ : श्री नविन कुमार অন্ন নাম जन्म स्थान : भावनगर (सौराष्ट्र) पिताजी श्री चतुर्भुज भाई सेठ दीक्षा तिथि. वैशाख सदी 9 विसं 2019 महुवा तीथं गुरुदेव . आचार्य श्री विजय भुवनरत्न सूरीश्वरजी सम्प्रदाय - श्वे मूर्तिपूजक केश रसूरी जी म. का समुदाय विचरण क्षेत्र . गजरात, महाराष्ट्र, बगाल, उडिसा, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान आदि। भाषा ज्ञान : हिन्दी, गुजराती, मारवाड़ी, सस्क्ृत, प्राकृत, अग्रेजी आदि । विशेष : सौराष्टर केशरी, शासन प्रभावक, प्रखर ` व्याख्याता आचाय देव श्री विजय भुवन रत्न सूरीश्वरजी ল জা ক पट्टधर पृज्यश्री ने 15 वर्ष की लघु वय में महुवा तीर्थ में संयम ग्रहण किया | गुरु सेवा की गजब लगन और मीठी माधूरी वाणी-यह्‌ आप श्री की विशिष्ठता है । मोहक प्रभावक व्यक्तित्व और अनूठी रसाल वाणी करे स्वामी आचाय श्री जहाँ भी विचरते है वहां तुरत ही लोक हृद्य मे अपना स्थान जमा लेते है । समाज के मध्यमवर्ग के साधमिको का उद्धार और सहायता यह आप श्री का प्रिय विषय है । और अपने प्रोपकारी गुरुवय की प्रेरणा से स्थापितं म॒ विततिधामं विद्यापीठ थलतेज ~ अमदानाद का विकास यही आपका मुख्य लक्ष्य है। राजकीय व्यक्तियों से लेकर समाज के सभी विशिष्ठ वर्ग मे अपना चाहक वर्ग और अनूठी आस्था के स्थानक स्वरूप पूज्य आचार्य श्री दीर्धायु बनकर आत्मोच्नति के साथ दही समाज स्तम बने यही शासन- देव से विनम्न प्रार्थना । --गणि राजयश विजय सोजन्य--भी मुक्तिधाम जैन विद्यापीठ थलतेज, गाँधी नगर हाईवे रोड़ अहमदाबाद-380 005 विश्वसंत अहँत संघ संस्थापक जैनाचार्य श्री सशीलकुमा रजी म. सा जन्म स्थान पिताजी मातेश्वरी जाति व धमं जन्म दिनाक जन्मनाम दीक्षा दिनाक दीक्षा स्थल गुरुदेव विदेश यात्रा स्वगंवास भाषा ज्ञान उपाोधर्यां संस्थापक एवं प्रेरक - शिकोहपुर (सुशीलगढ) हरियाणा - श्री सुनहरासिहजी श्रीमती भारतीदेवी - ब्राह्मण (हिन्दू धर्म) 15 जून सन्‌ 1926 - सरदार 20 আসল सन 1942 * जगराव (हरियाणा) - पूज्यं श्री छोटेलालजी महाराज ~ 17 जून सन्‌ 1975 - 22 अप्रैल 1994 : हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, पंजाबी, उर्दू, आदि अनेक विदेशी भाषाएँ - शास्त्री,प्रभाकर,साहित्यरत्न, आचार विद्या- लंकार, वक्‍ता व लेखक, विश्व संत आदि । : विश्वअहिसा सघ (रॉज.),- इन्टरनेशनल जैन मिशन लंदन, अमेरिका, कनाडा आदि देशो मे स्थापितं (रजि) आचार्य मुनि सुशील फाउन्डेशन (रजि. ) विश्वधमं संगम । : जैन धमं का विश्व व्यापी प्रचार, अध्यात्म, अहिसा , शाकाहार , पर्यावरण, विश्वशांति एवं मानव उत्थान, अहमं णेग, विश्व जन रग चिकित्सा एव योग के माध्यमं से विभिन्न असाध्य रोगो का उपचार, सवं धमं सम- भाव एवं मानव कल्याण, जीव हिसा का विरोध आदि । सौजन्य~विश्व हिसा संघ, दिल्ली




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