राजस्थान के जैन भण्डारों की ग्रन्थ सूची पंचम भाग | Rajasthan Ke Jain Bhandaron Ki Granth Soochi Pancham Bhaag

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Rajasthan Ke Jain Bhandaron Ki Granth Soochi Pancham Bhaag  by हजारीप्रसाद द्विवेदी - Hajariprasad Dwivedi

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हजारीप्रसाद द्विवेदी (19 अगस्त 1907 - 19 मई 1979) हिन्दी निबन्धकार, आलोचक और उपन्यासकार थे। आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी का जन्म श्रावण शुक्ल एकादशी संवत् 1964 तदनुसार 19 अगस्त 1907 ई० को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के 'आरत दुबे का छपरा', ओझवलिया नामक गाँव में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री अनमोल द्विवेदी और माता का नाम श्रीमती ज्योतिष्मती था। इनका परिवार ज्योतिष विद्या के लिए प्रसिद्ध था। इनके पिता पं॰ अनमोल द्विवेदी संस्कृत के प्रकांड पंडित थे। द्विवेदी जी के बचपन का नाम वैद्यनाथ द्विवेदी था।

द्विवेदी जी की प्रारंभिक शिक्षा गाँव के स्कूल में ही हुई। उन्होंने 1920 में वसरियापुर के मिडिल स्कूल स

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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इस अवसर पर स्व० गुरुवय्य प० चेनसुखदास जो सा» न्यायतीर्थ के चरणों में सादर अ्रद्धाउजलि झपित है जिनकी सतत प्रेरणा से ही राजसरुथान के इन शास्त्र भण्डारों की प्रथ सूचो का कार्य किया जा सका । हम हमारे सहयोगी स्व० सुगनचन्द जी जेन की सेवाओ्रों को भी नहीं भुला सकते जिन्होंने हमारे साथ रह कर शास्त्र भण्डारों की ग्र थ सूची बनाने मे हमे पुरा सहयोग दिया था । उनके भाकस्मिक स्वर्गवास से साहित्यिक कार्यों में हमे काफी क्षति पहुची है। हम उदीयमान शोधार्षी श्री प्र मन द रांवका के भी श्रामारी है जिन्होंने ग्र थ सूची की झनुक्रमशिकायें तैयार करने में पूरा सहयोग दिया है । हिन्दी के मूद्ध न्‍्य, विद्वाद्‌ डा* हजारी प्रसाद जी द्विवेदी के हम अत्यधिक भाभारी हैं जिन्होंने हमारे निवेदन पर ग्र थ सूची पर पुरोवाक लिखने की महतो कृपा की है । जेत साहित्य की शोर श्रापकी विशेष रुचि रहो है प्रोर हमें आशा है कि आपकी प्रेरणा से हिन्दी के इतिद्ठास मे जैन विद्वानों की कृतियों को उचित स्थान प्राप्त होगा । राष्ट्रसत मुनिप्रवर श्रो विद्यान दजी महाराज का हम किन शब्दों मे आभार प्रकट कर । मुनि श्री का झाशीर्वाद ही हमारी साहित्यिक साधना का सबल है । १-१-७२ कस्त्रचन्द कासलोबाल झ्रनुपचन्द न्यायतीय




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