अजी सुनो | Aji Suno
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10 MB
कुल पष्ठ :
185
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अजो सुनो
तेरे स्वर का अनुकरण नहीं
कर सकता था कोदं प्राणी 1
पर, आज मुझे मालूम हुआ
तू निरी भैंस है, मोटी है
काली है, फूहड़ है, थल-थल,
मरखनी, रेंकती, खोटी हे !
मेरे ही घर में आज चली
त् पाकिस्तान बनाने को ?
मेरी ही हिन्दी मं নী
तू जनपद नया बसाने को ?
में कहता हूं हट जा, हट जा,
वरना मुझको आरहा तेश !
ओबाबूजी की `
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