आरोग्यशिक्षा | Arogya Shiksha
श्रेणी : धार्मिक / Religious, शिक्षा / Education
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1.01 MB
कुल पष्ठ :
60
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)भाग है. (१७)
पालका पका आम अत्पंत मीठा खुखादु लवूप्गकफांपित्त-
करता बलवीर्य वद्धक है ।
पालमें ज्यादे पका उतराहुआ अधिक मीठा नहीं रदता
तथा वातकारक द्ोजाताहे ।
पेबंदी आम आति मघुर भारी कफ पित्तकर्ता होताहै ।
दिछीमें सरोली आम बडा नामी मीठा ददोताहै ।
पतले रसका मीठा आम श्रेष्ठ दोताहै और गाढ़े रसका
गरिछ और भारी दोताए ।
आमका निचोडा रस कफ वातकारी गरिप्ठ तथा बल-
बद्धक दोताहे ।
आमके रसकी खुश्क पथडी भारी देरसे पचनेवाली और
वातनाशक होतीदे ।
आम अधिक खाने ( चूसने ) से मेदाझि विपमज्वर सांधि-
राविकार कयजियत अफारा तथा नेत्ररोग होनेका भय है।
थे उपरोक्त दोप खंट्टें निकम्मे आमके हैं उत्तम मीठे आम
गुणकारी ही दोतेहें ।
आमका रस दूधके संग खाना या आम खाके दूध पीना
बहुत युणकर्ता है वीये और रूपको बढ़ाताहे ।
यादि आम खानेसे पेट फूले या गढबढ हो तो सोंठकी
फंकी लेके गरम द््घ पीचे ।
यदि आम खानेसे अतिसार दो ( दस्त ज्यादे हों ) तो
आमवकी गुठली ही भूनकर खावे ।
यदि आम खानेसे गरमी अधिक हो शिर आखोंमिं जलन
या चक्कर मालूम दे तो मिश्री युक्त धारोप्ण गोदुग्घ पीचे !
“केला” शीतल है खिग्थ हे वि्ंभी ( कारबिज ) है घृप्यहे
नेच्ररोग और भमेदनाशक है बेबईका केला बहुत मीठां
दोताहे ओर कोकनी केला भी बडानामी होता है ।
“३
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