गाँव शान्त हैं | Ganv Shaant Hai

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Ganv Shaant Hai by किशन सिंह अटोरिया - Kishan Singh Atoriya

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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भारती मैं माँ हूँ ममता, स्नेह एवं अपनत्व की प्रतिमूर्ति ऋषि, गुरु, देवों की जन्मदात्री और पालनहारी। पुनीत संस्कारों में पोषित वीर, दानी और सत्यवादी पैदा किये हैं मैंने ही । राम, कृष्ण, भीम, अर्जुन ने पाया है मुझसे अपरिमित बल प्रताप, पद्मिनी को दिये हैं मैंने ऊँचे आदर्श पढ़ाकर स्वाभिमान का पाठ। परतन्त्रता की बेड़ियाँ तोड़ी हैं मेरे पुत्रों ने. ऊधम, आजाद, भगत ने बढ़ाया है मेरा मान गाँधी ने बुलन्द की अहिंसा की आवाज। उस समय मैं माँ थी मेरी आवाज आशीष थी . लेकिन आज समय स्वप्न की तरह निकल गया लोग पाश्चात्य रंग में डूब गये भारती और भारतीय संस्कृति को भूल गये। गाँव शान्त हैं / 75




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