राजस्थानी मील गीत भाग २ | Rajasthani Bheel Geet Bhag-2
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
178
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( १३ )
अपने जोड़ीदारों ( साथियों ) सहित |
सवारी के ऊँटों पर- (बैठकर)
जल्दी आना ।
( ढोलाजी ) ऊँट मंगवाते हैं-
( ढोलाजी ) ऊँटों के चरवाहे को बुल्लाते हैं ।
( ढोलाजी आज्ञा देते हैं ) पत्र वाहक ( चपरासी ) भेजो !
देश-विदेशों में ( जाओ )
अँटों के चरवाहों और ऊँटों को खोजो !
दौड़ता हुआ जाता है,
दौड़ता हुआ वापस आता हे ।
चरवाहे भी दौड़ते हैं ( और )
উন लेकर आते हैं ।
निश्चित् स्थान पर आज़ाते हैं
( और ऊँटो को ) राजा के आंगयण में बांधते हैं ।
ढोलाजी के ससी साथी समान शोभित हैं ।
घड़ी भर की भी देर नहीं है।
स्वणिम श्रभात में,
ऊँटों को संगवाओ !
( उन पर ) काठियां कसाओ।
सभी समान वन कर,
गौना लेने जाते हैं ।
पिगलगद् के राज्य में जाते हैं,
নান ( लगाम ) दीली छोड़ देते हैं,
पगड़ी सजबूत बांधते हैं,
तेज चाबुक मारते हैं,
( और ) लम्बे साग पर ज्ञाते हैं ।
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