मोक्षमार्ग | Mokshamarg

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Mokshamarg by रतनलाल डोशी - Ratanlal Doshi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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शकन ता पुष्ठ पक्ति शअ्रशुद् ३ 4 © ^< ० < र्द ८७ 58 १६ तीयेकर २५ वाराह २८ आञ्चय १४ चिए २० उत्तरासन २२ १६ ४ होग २४ तीथकर २ संसर १५ टीका नागंत ६ नहीं ढेना १६ छुठता २१ छटता १४ दर्णेनचार २६ विजायादि २३ भावान्तर ३ हाकर २५ प्रलय १ कथानुसार १४ मुहत्तपि १० जिममें २० से २३ जम्भूक १२ लोकान्ति ६ स्त्रि १६ अन्‍न्राय १ करणो & दवने शुद्ध पत्र शुद्ध पृष्ठ तीर्थकर ६० वराह ६३ आचचर्य ६५ लिए = उत्तरासग १०० १० १०१ दाय १०५५ तीर्थंकर १०८ संसार म टीक्रान्तगंत १०६ नही होने देना र ज ११० चूड्ता १११ दर्शनाचार ११४ विजयादि রঃ भश्रान्तर 9 होकर ११७ সলম १२४ कथननुमार १३८ मुहुत्तमित्तपि १३८ जिसमें १४० जम्भक १४१ लोकान्तिक १४२ स्त्री 2 अन्तराय श कारणो १४६ दवा १४७ पवित श्रगुढ १२ प्ठर्थो १७ अप्रत्यास्यानावरण ६ श्रौदरिक ईष्ट परमात्मा नाम राजपि হান जमका सम्बसूश्रत कालम ५ व्यक्तिरिक्त द्रेंवे- निग्रंथ ४ प्रवर्जित ० अन्तरिक २२ बनाने १८ हायमान २७ हाने ३ जोदार ० व्यवस्वथा १ ठ्य ८ महानपात की ६ तरमता २८ श्रमण পট নি নি এ ९) 4 পে ९४ < ९) ७ “€ ৫) ০) तर ९ © ৪ शुद्ध पदार्थों प्रत्याख्यानावरण ओऔदारिक ५ भि परमात्म नमिराजपि होने जिसका सम्यग्‌ श्रुत काल में व्यतिरिक्त देवे- निम्नेन्थ प्रत्रजित अन्तरिक्ष बताने हीयमान होने जोरदार व्यवस्था देश महानपातकी तरतमठा भ्रमण २० वे अल्प कर्म वे अन्पक्रिया अल्प कर्म क ठ नव - १० अणन्भत पूर्व মুল




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