कसाय पाहुडं | Kasaya Pahudam
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
27 MB
कुल पष्ठ :
568
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( १३ )
विपय प्र
उच्चारणाके अनुसार उच्छृ सननिकरपं ४-५-६४
जघन्य सन्निकपं ४६४-५२४
मिथ्यात्वकी जघन्य स्थितिका
आलम्बन लैकर सन्नि प्य विचार ४६४
হান प्रकतियोँकी जघन्य स्थितिका
आलम्बन लेकर सन्निकर्प विचार ४६५
उन्चारणाकर अनुसार जघन्य सन्निकय ६५-५२४
विपय प्रघ
नरकगतिमे सव प्रकरतियाके अस्प-
बहुत्व का विचार ५२६-५२७
उद्चारणाक्े अनुसार उत्कृष्ट स्थिति
अल्पबटुत्य ५२८-५३०
उचारणाकं अनुसार जघन्य स्थिति
अल्पवहुत्व ४2२०-५४ ४२
उच्चारणाके अनुसार वनन््धक कालकी
अव्यवहुन्ध ५२५४-४४४ अपेक्षा संद्रष्टि सहित सब
स्थिति अन्पबहुत्य ४२४-४ ४२ प्रक्तियोंके अल्पवहुत्वका निर्देश ३३१-१३२
उल स्थिति अन्पवहुत्य ५२४-५२० | चिरन्तन व्याख्यानाचायक्रे द्वारा
नो नोकशाय ५२४-५०५ |... निर्दिष्ट अल्पचहुत्व ४३२-४३३
सालह कपाय ५२५ ¦ दानां अन्प्रवहूत्वोमे मतभेदका
सम्यग्मिभ्यात्व ५२५ उल्लस ५३६
লজ ५२५-५२६ | निर्यव्रगनिमे रक्त दानां अस्प
चूर्णीसृत्र ओर उच्चारणाका आलग्वन । व्हुल्योकी अयश्चा पुनः विचार ५३५
लकर कालप्रधान और निपेकप्रवान | जीव प्रत्पवदुतव ५४२-५ ४४
स्थितिका उदाहरण सहित निर्देश ५२५-१२६ । उच्छ्र जीव अल्पवहुत्व ५५.५४३
भिध्यात्व ५२६ जनन्य जीव अल्पवहत्त ५१४२-५
शुद्धि
১
५
के मूलकी ५ वरी पक्ति इस परक प्रथम पंक्ति हैं।
সাতে ৪০
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