भोजपुरी लोक - गीत | Bhojpuri Lokgeet
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
290.97 MB
कुल पष्ठ :
590
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about श्री दुर्गाशंकर प्रसाद सिंह - Shri Durga Shankar Prasad Singh
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)भूत में इस राज्य की सत्ता श्र पराक्रम की घधाक अन्य दूर के जिलों तक:
ही नहीं फैशी हुई थी बटिक आज से. ४०० वर्ष पूर्व अकबर की हुकूमत की'
शान्ति में भी इसके कारण काफी दल-चल मची हुई थी” । श्रौर तब से श्रब
तक मालवा (उज्जैन आर धार) से आये हुए इन पम्मार या परमार (उज्जेन))
. राजपूतों का क्रम बद्ध इतिहास तवारीख उज्जेनिया नामक प्रन्थ में, जो डुमराँव
राज से मुं० विनायक प्रसाद द्वारा लिखवाया जाकर प्रकाशित हुआ था, |
.श्रनेकानेक उद्धणों और ऐतिहासिक, प्रमाणों के साथ वतमान है । सन्.
७१७ में जो अग्रेजों. और मीरकासिम के बीच बक्सर में लड़ाई हुई थी
. उसमें भी इन. उज्जेनों ने मीरकासिम के पक्ष में ही लोहा लिया था । सन्
१८५७ की बय़ावत में जगदीशपुर के लेहारवीर बाबू क्र सिंद के नायकत्व
प्राघुनिक इतिहास में यह महत्व का स्थान है यह डुमरांव राज की राजघानी के
निकट है. और बक्सर की लड़ाई इसके निकट ही हुईं थी । राजनीति के विचार से
इसका सम्बन्ध संयुक्त घ्रान्त से होना चाहिये न. कि बिद्ार से जो कि राज कल
बिहार की सीमा के भीतर है । इसी के समीप बुन्देल खंड के श्रेसिद्ध वीर
झाल्हा उद्ल को उनका मूल स्थान मिला था शोर इसका. सम्पके सदा पश्चिम
पे ही मिलता है पूच से. नहीं । ही पक
(१5. जाने दर ग्रियसंच--लिंगुइस्टिक सर्वे झाफ़ इन्डिया सांग
......... दक्षिणी बिहार और बंगाल के पश्चिमी सरहद के राजाओं ने दिल्ली
.. के बादशाहों को अधिक संकट में डाला था । अकबर के राज्यकाल में भोजपुर के
: राजा दलपत पराजित होकर पकड़े गये श्र जब अधिक नज़राने लेकर श्रकबर
ने उन्हें मुक्त किया तो वे फिर सेना तैयार कर विद्रोह कर बेठे। जहाँगीर के
समय में उनका चिद्वोह चलता रहा और शाइजहाँ ने उनके वारिस प्रताप को
'काँसी दिलवा दिया | का र,
ज्ञाचमेंन का. छोटानांगपूर के. सुस्लिम इतिहास पर नोट । झार० ए० एस
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