हमें क्या मिला | Hamen Kyaa Milaa

Hamen Kyaa Milaa by व्यास देव - Vyas Dev

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about व्यास देव - Vyas Dev

Add Infomation AboutVyas Dev

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
१४ फे ऊपर भी लगा दिया गया ओर एक वध के पश्चान्‌ इस नियम के ऊपर पुनः विचार होगा | पाठकों को ध्यान पूवक विचारना चाहिये कि इस घोपण। में हमारों स्थिति बही है जो कि दिसम्बर १६३८ में थो | सत्याग्रह का इस मांग के ऊपर कोई प्रभाव नहीं हुआ | जितना हम ऊपर लिख चुके हैं उससे अधिक ८ अगस्त की धोषण में कुछ भी नहीं लिखा गया। मेरा दावा है कि कोई भी विचार शील महानुभाव यह नहीं कह सकता कि जहां तक कानून का सम्बन्ध हे आये समाज की स्थिति में अणुमात्र भी परिवत्तन हुआ है । यहां यह भी ध्या। में रखना चाहिये कि सावदेशिक सभा ने आये समाज के साथ एक अच्छा उपहास किया है। १६ जुलाई को घोपणा के अनन्तर २५ जुलाई को सावदेशिक सभा की अन्तरंग हुई और उसमें एक प्रस्ताव द्वारा सुधार घोषणा का स्पष्टीकरण मांगा गया और उत्तर में रियासत ने उन बातों को दुहरा दिया जो कि उसने श्वेत पत्र द्वारा दिसम्बर १६३८ में सत्याग्रह से पूत्र कहीं थीं। अब सावदेशिक सभा का सन्‍्तोप है| गया है। इससे अधक उपहास और क्‍या हो सकता है। यदि इतने से ही इनक। सन्‍्तोप हो सकता था तो वह तो श्वेत पत्र से ही जाना चाहिये था आर सवयापह का नाम भो नहीं लेन। चाहिये था ।यदि यह सत्य है तो सावदेशिक सभ। ने तथा उसके माननीय प्रधान महोदय ने अपने ऊपर बड़ी ज़िम्मेवारी ले ली है। क्या इस समय प्रत्येक आय को यह पूछने का अधिकार नहीं कि इन २४ मृत्युओं (हत्याओं) की जिम्मेवारी किस पर है ? लाखों रुपया जो इस संग्राम में वयय हुआ है उसका जिम्मेवार कान हे ? १३ सहम्र वीरों की जेल यात्रा का तथा वहां के अमानुषिक अत्याचार सहन का उत्तर दायित्व किस के ऊपर है ९ भले ही वर्त्तमान कानून आपको दोपी न ठहराय, पर परमात्मा के न्यायालय में आप अपने आपको निर्दोष सिद्ध नहीं कर सकेगे। भगवन, यदि आपको रियासत के कानून से जानकारी नहीं थी ओर आपने यदि श्वेत पत्र को भी नहीं पढ़ था और




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now