बहन को सीख | Bahan Ko Seekh
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
88
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)बहन सरला को _ २
मी इसका पुरा ध्यान रक्खे श्रोर इसे क्रियात्मक रूप
में अपने जीवन में सर्वोपरि स्थानदे।
(६) पति कै स्वागत तथा मनोरंजन को उसे
सदा प्रसन्नतापूर्वक तत्पर रहना चाहिए । बातचीत
मे समयोचितता का ध्यान रहै, बहुसाबहुसी या विवाद
से बचे, आपे से बाहर या उत्तेजित न हो, ओर न
तो कभी उदास हो ओर न अपनी विनम्गता को ही
छोड़े ।
मतलब यह कि नववध् को श्रपने पति के
प्रति विद्वसनीयता, शिष्टता, सरलता, स्निग्धता और
छिपावहीनता (निष्कपटता) के साथ इस तरह व्यवहार
करना चाहिए कि पति के मन मे उसके प्रति सन्देह
का भाव कदापि उत्पन्न न हो; पति उसे श्रषनो श्रनन्य
विश्वासपात्र साथिन महसूस कर सके, उसके सतत-
आकर्षर मे बद्ध रहे ओर उससे अच्छे कामो के लिए
प्रेरित एवं बुरे कामों के लिए हतोत्साह हो । उसमें
चंचलता हो, पर गम्भीरता ओर समझदारी का श्रभाव
नही । कमनीयता ओर सोन््दर्याभिरुचि हो, पर स्खलन
ओर अनेतिकता नही । विनम्रता और माधुय हो, पर
हृढता और स्थिरता का अ्रभाव नही । पति के प्रति
अनन्य श्रद्धा श्रौर उसकी श्रत्यन्त हितकामना हो, पर
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