जिनराजसूरि कृति कुसुमांजलि | Jinrajsuri - Kriti - Kusumanjali
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10 MB
कुल पष्ठ :
338
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)६४, श्री नेमिनांथ गीतम._ ४ चउ चुम्ह तारक यादुराय चद
९५. श्री नेमि राजीमती
वियोग सूचकं गीतंमः ₹ मेरड् नेमिजी इकं सयर॒ ४७
१६. श्री लंद्रवपुर पारव
नाय स्तवनम् ७ (लोद्रपुरः पाक प्रयु भेरीयद् ४७
९७. श्री जोद्रवपुर पादर्वनाथ
गीतम. ७ आज नइ वघावउ है सहीक्षर ४८
६८. श्री रौड़ी पाड्वनाथ
| स्तवन ७ वालेसर मुझ वीनती 'गउड़े चा
राय.४७६;
६९. श्री प्रमीकरा ,
पार्र्वनाथ गीत & परतखि पास अमीमकरदइ ৮
৩০, श्री-स खेदवर
£ - पाङवेनाथ गीतम. ५ करिबवउ तीरथ तउ यू की रथ. ४५०
७१. श्री स लेश्वर
पाइब नाथ गीत ४ पासजी की मूरति मौ मन भाई ५१
७२. श्री सहसफणा , प ० |
पाश्ननाथ गीतम. $ देखठ माई प.जा मेरे प्रभु की. ५१
७३. श्री वाड़ी पार्श्ग्रगाथ |
गीतम. ५ मेतिज जमक सव यावा तरसइ ५२
७४, श्री चितामरिण <
` पा्मनाथ गीतम. = नील कमल दल साउली. - ५३
५४ श्री गुणस्थान विचार ४
বিল पार्र्गनाथ स्तवन' १६ नमिय सिरिपांस लिख सुजण ५४
७६. क्री विक्रमपुर मडन
वीर 'जिन गीतम. ५ भाव मगति घरि श्रावड सहिथ्ररि ५८
১৩, श्री वीर निनगीतम. ३ हम तुम्हे 'वीरजी' क्यु प्रीति ५८
(उ) |
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