जिनराजसूरि कृति कुसुमांजलि | Jinrajsuri - Kriti - Kusumanjali

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Jinrajsuri - Kriti - Kusumanjali by अगरचंद नाहटा - Agarchand Nahta

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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६४, श्री नेमिनांथ गीतम._ ४ चउ चुम्ह तारक यादुराय चद ९५. श्री नेमि राजीमती वियोग सूचकं गीतंमः ₹ मेरड्‌ नेमिजी इकं सयर॒ ४७ १६. श्री लंद्रवपुर पारव नाय स्तवनम्‌ ७ (लोद्रपुरः पाक प्रयु भेरीयद्‌ ४७ ९७. श्री जोद्रवपुर पादर्वनाथ गीतम. ७ आज नइ वघावउ है सहीक्षर ४८ ६८. श्री रौड़ी पाड्वनाथ | स्तवन ७ वालेसर मुझ वीनती 'गउड़े चा राय.४७६; ६९. श्री प्रमीकरा , पार्र्वनाथ गीत & परतखि पास अमीमकरदइ ৮ ৩০, श्री-स खेदवर £ - पाङवेनाथ गीतम. ५ करिबवउ तीरथ तउ यू की रथ. ४५० ७१. श्री स लेश्वर पाइब नाथ गीत ४ पासजी की मूरति मौ मन भाई ५१ ७२. श्री सहसफणा , प ० | पाश्ननाथ गीतम. $ देखठ माई प.जा मेरे प्रभु की. ५१ ७३. श्री वाड़ी पार्श्ग्रगाथ | गीतम. ५ मेतिज जमक सव यावा तरसइ ५२ ७४, श्री चितामरिण < ` पा्मनाथ गीतम. = नील कमल दल साउली. - ५३ ५४ श्री गुणस्थान विचार ४ বিল पार्र्गनाथ स्तवन' १६ नमिय सिरिपांस लिख सुजण ५४ ७६. क्री विक्रमपुर मडन वीर 'जिन गीतम. ५ भाव मगति घरि श्रावड सहिथ्ररि ५८ ১৩, श्री वीर निनगीतम. ३ हम तुम्हे 'वीरजी' क्यु प्रीति ५८ (उ) |




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