अर्हत आदिस्वर | Arhat Adishwar
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10 MB
कुल पष्ठ :
364
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)सर्ग पहला
मद्धला चरण
प्रथम भव : धनसेठ
ঘমঘীন ्राचाये का प्रागमन
मृनिचर्या
धनसेठ का विपाद
गुरु दर्शन के लिए प्रस्थान
सन्तो के कार्य-कलाप
घत का दान और
सम्यग् दर्भन की प्राप्ति
धर्मघोष झाचार्य का उपदेश;
धर्म के प्रकार
दान : ज्ञानदान-अ्रभयदान
जीव के प्रकार
धर्मोपग्रह दान
शील-धर्मे
तप-धर्म
निर्जरा के भेद
दूसरा भवन्युगलिया जीवन
कर्प वृक्ष
तीसरा भव : सौधर्म देवलोक में देव
: महादिदेदह कषेत्रे में महावल १९
সানা শন
হালষল হ্যা বীমা মল
ল্ঘলি লাল
मेधी क्र को प्रतियोघ
সলালদাঙা ঘশিলমনি হন
प्रमा शल মহিন
अनुक्रप्र
© + वी রো ^< ^< ~
११
११
११
१२
१२
१४
१४
१५
१५
५१
१0
क्षणिकवादी शतमति कथन
परिणामी नित्यवादी स्वयं-बुद्ध कथन
मायावादी महामति कथन
द्रं तवादी स्वयंवुद्ध कथयन
महावल नृप कथनं
स्वयंवुद्ध द्वारा कथित इतिहास
दण्डक राजा
पाँचवा भव : ललितांग देव
अ्रमामिका ललितांग की भावी पत्नी
धर्म-देशना
नारकीय दुःख वर्णन
तिर्यण्च दुःख-वर्णन
मनुष्य दुःख-वर्णन
देव दुःख-वर्णन
ललितांग देव के च्यवन चिन्ह
छठा भवः महा विदेह मं वच्रजंघ
वखरजंघ कौ जातिम्मरण
নল নী তুল রাহা হা
सातर्वा भव-युगलिया
आदवां भव: सौधर्म देवलोक में
नवम भव: जीवानन्द रवय
পপি कनके कक “>क,
ख्वद्यधनन नंगंदाद गा सममन
সত হর
कम কবজ
५११
न्त
4१
=)
User Reviews
No Reviews | Add Yours...