तत्त्व का ताला ज्ञान की कुंजी | Tatav Ka Tala Gyan Ki Kunji

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Tatav Ka Tala Gyan Ki Kunji by मदनलाल कटारिया - Madanlal Kataria

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ज्ञानवृद्धि के 11 कारण (13) शिक्षा शील के आठ गुण 1-हास्य क्रीडा न करे । 2--इन्द्रियो को वश मे रखने का श्रभ्यास करे । 3--किसी के मर्म तथा दोपो को प्रकट न करे । 4-सदाचार का ध्यान रखे । 5--अभ्रनाचार का सेवन न करे । 6-रसना लोलुपी न हो । 7-क्रोघ से सदा दूर रहे । 8-सत्य वात को स्वीकार करने मे सदा तत्पर रहे । लीर्थकर पद प्राप्लि के 20 बोल 1-अश्ररिहन्त भगवान की भक्ति, उनके गुणों का चिन्तन और आज्ञा का पालन करते रहने से उत्कृष्ट रस जमे, तो तीर्थंकर नाम-कर्म का वन्ध होता है । 2--सिद्ध भगवान्‌ की भक्ति और उनके ग्रुणों का चिन्तन करने से । 3--नि्ग्रंथ-प्रवचन रूप श्रृतज्ञान ঈ प्रनन्य उपयोग रखने से । 4--गुरु महाराज की भक्ति, आहारादि द्वारा सेवा ओर उनके गुणो का प्रकाशन करने एवं ्राशातना रालने से । 5--जाति-स्थविर [60 वषं की वथ वाले] श्रुत-स्थविर [स्थानाग समवायाग के घारक] प्रव्रज्या-स्थविर [20 वर्ष की दीक्षा- पर्याय वाले] की भक्ति करने से ।




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